
#NewsBytesExclusive: बजरंग पुनिया के साथ ख़ास बातचीत, भारतीय रेसलिंग समेत कई मुद्दों पर बात
क्या है खबर?
भारत के बेस्ट फ्री-स्टाइल रेसलर्स में से एक बजरंग पुनिया ने इंटरनेशनल इवेंट पर कई मेडल्स जीते हैं जिनमें कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड के अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी शामिल है।
रेसलिंग के स्टार बजरंग को हाल ही में 'पद्मश्री' से सम्मानित किए जाने वाले लोगों की लिस्ट में भी शामिल किया गया था।
NewsBytes के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बात करते हुए पुनिया ने अपनी सफलता, भारत में रेसलिंग और कई चीजों पर बात की।
पद्मश्री
इस साल पद्मश्री पाने वाले इकलौते रेसलर
पुनिया के लिए 2019 की शुरुआत शानदार तरीके से हुई, क्योंकि उन्हें 26 जनवरी की पूर्वसंध्या पर पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई थी।
24 वर्षीय पुनिया इस साल पद्मश्री से नवाजे जाने वाले देश के इकलौते रेसलर हैं।
जब पुनिया से पूछा गया कि उन्हें पद्मश्री हासिल करके कैसा महसूस हो रहा है तो उन्होंने कहा, "मैं काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं और इसके लिए मैं आभारी हूं।"
जानकारी
किससे प्रेरित होकर की थी शुरुआत?
सात साल की उम्र में रेसलिंग शुरु करने वाले पुनिया ने भारत केसरी पहलवान नरेंद्र पुनिया से प्रेरित होकर कुश्ती शुरु की थी। पुनिया ने कहा, "मुझे रेसलिंग से प्यार था और मैंने कठिन मेहनत की। मेहनत करता गया और उसका फल मिलता गया।"
योगेश्वर दत्त
योगेश्वर दत्त के मार्गदर्शन ने सफल होने में की मदद
ज़्यादातर मौकों पर पुनिया अपनी सफलता का श्रेय दिग्गज रेसलर योगेश्वर दत्त के मार्गदर्शन को देते हैं।
योगेश्वर ने उनकी मदद कैसे की पूछने पर पुनिया ने कहा, "वह 10 साल से ज़्यादा के समय से मेरे मेंटर हैं। उन्हें मेरी ताकत और कमजोरी का एहसास है। उन्होंने मेरे सारे मुकाबले देखे और आंकलन लगाया कि मैं किस क्षेत्र में और भी बेहतर कर सकता हूं। वह एक शानदार शिक्षक, मेंटर, आलोचक और मेरे बड़े भाई हैं।"
2018
साल 2018 रहा स्टार रेसलर के लिए यादगार
पुनिया के लिए 2018 भी शानदार रहा था। उन्होंने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था और 65 किलोग्राम कैटेगरी में विश्व के नंबर एक रेसलर बने थे।
पुनिया ने कहा, "2018 मेरे लिए शानदार साल था क्योंकि मैंने देश के लिए मेडल्स जीते। उन मेडल्स को जीतने के बाद मुझे ओलंपिक के लिए भी आशाएं मिल रही हैं। मुझे उम्मीद है कि मैं जिस ओलंपिक गोल्ड का पीछा कर रहा हूं उसे हासिल कर लूंगा।"
चुनौती
क्या है सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण?
पुनिया ने कहा, "एक एथलीट के तौर पर सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण चीज होती है कि आप हर सुबह इस उम्मीद के साथ उठते हैं कि आप इस दिन का पूरा सदुपयोग करेंगे। अनुशासन भरा जीवन जीना और खुद को खेल के लिए समर्पित करना।"
पुनिया ने आगे कहा, "अन्य दिनों की अपेक्षा कुछ दिन ज़्यादा चुनौती भरे होते हैं, लेकिन जब भी मैं मैट पर विपक्षी के खिलाफ उतरता हूं यह सबसे बड़ी चुनौती होती है।"
भारतीय रेसिलंग
भारतीय रेसलिंग में हुए बदलावों पर पुनिया की प्रतिक्रिया
2013 में अपने डेब्यू के बाद से पुनिया ने भारतीय रेसलिंग में बदलावों के बारे में कहा, "अब लोग रेसलिंग के बारे में ज़्यादा जागरुक हैं। एथलीट्स को अब देश-विदेश में ट्रेनिंग की नई विधियों और नए ग्राउंड्स का फायदा मिल रहा है।"
पुनिया ने आगे कहा, "अब हम प्रोफेशनल बन चुके हैं। फिलहाल के समय में इंटरनेशनल कोच, स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट, एकुप्रेशर प्रैक्टिशनर, मसाज करने वाले और भी बहुत सी चीजें मिलने लगी हैं जो पहले नहीं मिल पाती थीं।"
भारतीय रेसलर्स
वर्ल्ड स्टेज़ पर भारतीय रेसलर को काफी इज़्जत- पुनिया
वर्ल्ड स्टेज पर भारतीय रेसलर्स को काफी ज़्यादा इज़्जत मिलती है और इसके बारे में पुनिया की राय है कि भारतीय रेसलर को उनकी कड़ी मेहनत और अनुशासन भरे जीवन की वजह से इतनी इज़्जत मिलती है।
पुनिया ने यह भी कहा, "हमारा अपने कोच के साथ काफी अलग किस्म का रिश्ता होता है क्योंकि हम सम्मान देने के लिए उन्हें गुरूजी कहते हैं। कोच हमें कठिन मार्गदर्शन और सिद्धांत देते हैं जिससे कि हम और बेहतर बनते हैं।"
जर्मन लीग
जर्मन लीग में डेब्यू करने वाले पुनिया ने बताया वहां का अनुभव
पुनिया ने हाल ही में जर्मन लीग में भी अपना डेब्यू किया है। जब उसे पूछा गया कि कैसे यह भारतीय टूर्नामेंट्स से अलग है तो उन्होंने कहा, "यह एक इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसका अनुभव काफी अलग है क्योंकि जब मैं भारत में होता हूं तो मेरे पास घर पर रहने का लाभ होता है, लेकिन यहां मुझे काफी सारी चीजों से तालमेल बिठाना पड़ता है जैसे कि भोजन, मौसम और विदेशी एथलीट्स के साथ ट्रेनिंग करना।"
फिटनेस
फिट रहने के लिए पूरी टीम का एफर्ट- पुनिया
विश्व के सबसे फिट रेसलर्स में से एक पुनिया ने कहा, "मैं अपने कोच द्वारा तैयार किए गए शेड्यूल के मुताबिक ही ट्रेनिंग करता हूं। नई टेक्नीक सीखना और उसका इस्तेमाल करना व फिट रहने के लिए फुटबॉल और बास्केटबॉल जैसे खेल खेलता हूं।"
उन्होंने प्रोफेशनल्स, कोच और मेंटर्स से जो सीखा है उसी हिसाब से वर्कआउट करते हैं।
उन्होंने कहा, "जब बात डाइट की आती है तो मैं साफ खाता हूं और जंक फूड से दूर रहता हूं।"
जानकारी
पुनिया का संदेश- कठिन मेहनत के लिए सही समय का इंतजार करना मूर्खता है
अंत में पुनिया ने अपने फैंस और NewsBytes के पाठकों को खास संदेश देते हुए कहा, "यदि आपके पास सारी सुविधाएं नहीं है तो भी कठिन मेहनत करते रहिए चीजें अपने आप सही हो जाएंगी। सही समय का इंतजार करना मूर्खता है।"