मेघालय: अवैध कोयला खदान की खाई में गिरने से छह खनन श्रमिकों की मौत
मेघालय के पूर्वी जैंतिया हिल्स जिले में स्थित एक अवैध कोयला खदान की 150 फीट गहरी खाई में गिरने से असम के छह प्रवासी खनन श्रमिकों की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस और खनन अधिकारियों ने शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए खलीहरत अस्पताल में पहुंचाया। इसके अलावा पुलिस ने मृतकों के परिजनों को भी इसकी सूचना दे दी। परिजनों के पहुंचने के बाद शवों को उनके सुपुर्द कर दिया जाएगा।
खदान में सुरंग खोदते समय खाई में गिरे खनन श्रमिक
न्यूज 18 के अनुसार शुक्रवार सुबह खनन श्रमिक खदान में सुरंग खोदने का काम कर रहे थे। इसी दौरान खदान का एक हिस्सा गिरने के कारण वह 150 फीट गहरी खाई में गिर गए। इससे उनकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शवों को बाहर निकाला। पुलिस ने बताया कि पांच शवों की पहचान कर उनके परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। छठे मृतक की पहचान के प्रयास जारी है।
मौके पर नहीं मिला कोयले का कोई भी स्टॉक- खरमाल्की
पूर्वी जैंतिया हिल्स के उपायुक्त ई खरमाल्की ने बताया कि मौके पर कोयला खदान को कोई सबूत नहीं मिले हैं और ना ही कोयले का कोई स्टॉक मिला है। यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है खनन श्रमिक खदान में खनन कार्य कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मौके पर कुछ ताजा कटाव के निशान मिले हैं। ऐसे में यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर खनन श्रमिक खदान में क्या करने के लिए उतरे थे।
NGT ने मेघालय में कोयला खदानों पर लगा रखा है प्रतिबंध
उपायुक्त खरमाल्की ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मेघालय में संचालित सभी कोयला खदानों पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में यहां खदान का संचालन होने की उम्मीद कम है। पर्यावरणविद और वैज्ञानिकों ने कहा है कि उत्तर-पूर्व राज्य में कोयले की अवैध खानों के कारण लगातार दुघर्टनाए हो रही थी। ऐसे में NGT ने साल 2014 में कोयला खदानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद भी खदानों का संचालन गंभीर मुद्दा है।
मेघालय में है करीब 5,000 कोयला खदानें
बता दें कि मेघालय में करीब 5,000 से अधिक कोयले की अवैध खदाने हैं। इनमें से अधिकतर पूर्वी जैंतिया जिले की पहाड़ियों में हैं। साल 2014 में कोयला खनन पर प्रतिबंध लगने के बाद जिले की आर्थिक गतिविधियों में 70 प्रतिशत की कमी आई थी।
दिसंबर 2018 में हुई थी 15 खनन श्रमिकों की मौत
मेघालय में अवैध कोयला खान में खनन श्रमिकों की मौत का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले साल दिसंबर 2018 में कम से कम 15 खनन श्रमिक अवैध कोयल खदान की 370 फीट गहरी खाई में फंस गए थे। उसके बाद भारतीय नौसेना सहित कई एजेंसियों ने करीब दो महीने के लंबे प्रयासों के बाद कुछ श्रमिकों के शवों को बरामद किया था। उस दौरान पांच खनन श्रमिक तार पर चढ़कर भागने में सफल हो गए थे।