सरकारी मदरसों को खत्म करने के लिए विधेयक लेकर आई असम की भाजपा सरकार

असम की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सरकारी मदरसों को खत्म करने वाला विधेयक लेकर आई है। राज्य के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने आज इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया। इस विधेयक में सरकार के पैसे से चल रहे मदरसों को उच्च प्राथमिक, उच्च और माध्यमिक स्कूलों में बदलने का प्रावधान किया गया है। राज्य विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों का बहुमत है और इस विधेयक के आसानी से पारित होने की संभावना है।
सरकारी मदरसों को खत्म करने के लिए असम सरकार जो विधेयक लेकर आई है, उसका नाम असम निरसन विधेयक, 2020 है। इसमें राज्य के दो मौजूदा अधिनियमों असम मदरसा शिक्षा (प्रांतीयकरण) अधिनियम, 1995 और असम मदरसा शिक्षा (कर्मचारियों की सेवा का प्रांतीयकरण और मदरसा शिक्षण संस्थानों का पुनर्गठन) अधिनियम, 2018 को रद्द करने का प्रावधान किया गया है। राज्य के सभी सरकारी मदरसे इन्हीं दो कानूनों के जरिए संचालित होते थे।
असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन इस विधेयक को पेश करते हुए शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि इस विधेयक के जरिए सभी सरकारी मदरसों को उच्च प्राथमिक, उच्च और माध्यमिक स्कूलों में बदल दिया जाएगा। हालांकि इस दौरान शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने ये भी कहा कि भविष्य में सरकार की ओर से कोई भी मदरसा नहीं स्थापित किया जाएगा।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए सरमा ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सचमुच का धर्मनिरपेक्ष पाठ्यक्रम लाने के लिए ये विधेयक लाकर सरकार खुश है। उन्होंने साफ किया कि ये विधेयक निजी मदरसों को नियंत्रित करने या उन्हें खत्म करने के लिए नहीं है और विधेयक के 'लक्ष्यों और उद्देश्यों' में 'निजी' शब्द गलती से लिख गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने विधेयक का जमकर विरोध किया।
विपक्ष के जबरदस्त विरोध पर सरमा ने कहा, "हम इस विधेयक को पारित कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और ये पारित हो जाएगा।" बता दें कि सरमा इससे पहले कह चुके हैं कि राज्य में 610 सरकारी मदरसे हैं।
बता दें कि 126 सदस्यीय असम विधानसभा में भाजपा के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास 86 सीटें हैं। इनमें से 60 सीटें भाजपा, 14 सीटें असम गण परिषद (AGP) और 12 सीटें बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (BOPF) की हैं। विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस की 26 और AUDF की 13 सीटें हैं। एक विधायक निर्दलीय है। असम के इतिहास में ये पहली बार है जब यहां भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है।