सरकार ने संसद को बताया- छह महीनों में चीन की तरफ से नहीं हुई कोई घुसपैठ
गृह मंत्रालय ने बुधवार को संसद को बताया है कि पिछले छह महीनों में चीन की तरफ से भारत में कोई घुसपैठ नहीं हुई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया, "पिछले छह महीनों के दौरान भारत-चीन पर किसी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है।" भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉक्टर अनिल अग्रवाल के सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से यह जानकारी दी गई है।
"चीनी सेना नहीं कर रही समझौतों का पालन"
राय अपने भाषण में घुसपैठ और आक्रमण का जिक्र करने से बचते रहे। उन्होंने कहा कि चीनी की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने 1993-1996 के बीच दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का पालन नहीं किया है। बाद में उन्होंने अतिक्रमण की बात की।
'अतिक्रमण' और 'आक्रमण' से अलग है घुसपैठ- अधिकारी
हालांकि, गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने साफ किया कि घुसपैठ को 'आक्रमण' या 'अतिक्रमण' के तौर पर नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा कि घुसपैठ शब्द का इस्तेमाल नियंत्रण रेखा (LOC) को पार कर आने वाले आतंकियों के लिए किया जाता है। इसलिए यह कहना गलत होता कि चीन की तरफ से घुसपैठ हुई है। गृह मंत्रालय के इस बयान से एक दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा की स्थिति को लेकर बयान दिया था।
राजनाथ सिंह ने क्या कहा था?
भारत-चीन सीमा विवाद पर मंगलवार को लोकसभा में बयान देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अप्रैल और मई में चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई जगहों पर अतिक्रमण किया और अभी उसने कई जगहों पर भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार जमा कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने भी जबाव देने के लिए तैनाती की है और वे चीन की हर कार्रवाई का मुंहतोड़ जबाव देने के लिए तैयार है।
पाकिस्तान की तरफ से जारी है घुसपैठ के प्रयास- राय
वहीं भारत-पाकिस्तान सीमा पर होने वाली घुसपैठ की घटनाएं पिछले छह महीनों में भी पहले की तरह जारी रही है। सरकार ने बताया फरवरी से जुलाई के बीच पाकिस्तान की तरफ से भारत में घुसपैठ के 47 प्रयास किए गए। इनमें से अधिकतर ऐसे समय में हुई, जब पहाड़ों पर बर्फ पिघल चकी थी। घुसपैठ के सबसे ज्यादा 24 प्रयास अप्रैल में, 11 जुलाई में, आठ मई में और चार मार्च में किए गए थे।
घुसपैठ रोकने के लिए ये प्रयास कर रही सरकार
गृह मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने घुसपैठ रोकने के लिए कई प्रयास किए हैं। इनमें कई स्तरों पर सुरक्षाबलों की तैनाती और सीमा पर बाड़बंदी के साथ-साथ टेक्नोलॉजी की भी मदद ली जा रही है।
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण
गृह मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीनी सेना कई जगहों पर भारतीय इलाकों पर कब्जा किए बैठी है। हालांकि, सरकार की तरफ से कई बार इन रिपोर्ट्स का खंडन किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी भी एक बार कह चुके हैं कि चीनी सेना कभी भी भारतीय सीमा में दाखिल नहीं हुई।