असम सरकार की अनूठी पहल; स्कूल जाने वाली छात्राओं को प्रतिदिन मिलेंगे 100 रुपये
असम सरकार ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने तथा बीच में स्कूल छोड़ने वाली छात्राओं के प्रतिशत में कमी लाने के लिए अनूठी पहल शुरू की है। सरकार ने बालिका शिक्षा को मजबूती देने के लिए नियमित स्कूल जाने वाली छात्राओं को प्रतिदिन 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय किया है। इसके अलावा सरकार ने छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने को किताबें खरीदने के लिए 2,000 रुपये अलग से देने का भी निर्णय किया है।
राज्य के शिक्षा मंत्री हेमंता बिस्वा ने की घोषणा
सरकार की इस विशेष योजना की घोषणा राज्य के शिक्षा मंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने शिवसागर में आयोजित एक समारोह के दौरान की। उन्होंने कहा, "सरकार छात्राओं को नियमित स्कूल आने पर उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपये देगी। इसके अलावा स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाली छात्राओं के बैंक खाते में जनवरी के अंत तक 1,500 से 2,000 रुपये जमा कराए जाएंगे। छात्राएं इस राशि का उपयोग पढ़ाई के लिए किताबें खरीदने में कर सकती हैं।"
पिछले साल बनाई थी योजना- बिस्वा
शिक्षा मंत्री ने कहा, "हमने यह योजना पिछले साल बनाई थी। योजना के तहत स्कूल और कॉलेज जाने वाली छात्राओं को प्रोत्साहन मुहैया करना था। इसका उद्देश्य राज्य में छात्राओं के बढ़ते ड्रॉपआउट कम करना था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इस कल्याणकारी योजना को लागू नहीं किया जा सका था।" बता दें कि सरकार की इस योजना को विधानसभा चुनाव से पहले छात्राओं को लुभाने की स्कीम के तौर पर देखा जा रहा है।
फरवरी में 15,000 छात्राओं को वितरित की जाएगी स्कूटी
शिक्षा मंत्री बिस्वा ने कहा कि शिवसागर में अब तक 948 छात्राओं को स्कूटी मिल चुकी है। इसके अलावा सरकार आगे भी छात्राओं को स्कूटी वितरित करना जारी रखेगी, भले ही एक लाख छात्राएं 12वीं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो जाए। उन्होंने आगे कहा कि सरकार फरवरी में राज्य की 15,000 अन्य छात्राओं को भी स्कूटी वितरित करेगी। इनमें 2018 में 12वीं प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण होने वाली 5,000 तथा 2019 की 10,000 छात्राएं शामिल हैं।
144.30 करोड़ की लागत से खरीदी जाएंगी स्कूटी
शिक्षा मंत्री बिस्वा ने कहा कि 2020 में 22,245 छात्राओं ने प्रथम श्रेणी से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। इन छात्राओं को स्कूटी प्रदान करने के लिए सरकार 144.30 करोड़ रुपये की लागत से स्कूटी खरीदेगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार लड़के और लड़कियों की एकसमान देखभाल करना चाहती हैं। कई माता-पिता यह सोचकर बेटियों की जल्दी शादी कर देते हैं कि बेटे उनकी देखभाल करेंगे। आधुनिक युग में इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है।