केजरीवाल शुरुआत से शराब नीति घोटाले में शामिल, पूरक आरोप पत्र में CBI का दावा
दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने राउज एवेन्यू कोर्ट में 5वां और आखिरी आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इसमें CBI ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस नीति के निर्माण और उसके क्रियान्वयन से जुड़ी आपराधिक साजिश में शुरुआत से ही शामिल थे। CBI ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के मन में पहले से ही शराब नीति को लेकर निजीकरण का विचार था।
शराब नीति के जरिए पैसे उगाही की थी योजना- CBI
आरोप पत्र के मुताबिक, मार्च 2021 में जब तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शराब नीति तैयार की जा रही थी, तब केजरीवाल ने कहा था कि पार्टी को पैसों की जरूरत है। उन्होंने अपने करीबी और आम आदमी पार्टी (AAP) के मीडिया और संचार प्रभारी विजय नायर को फंड जुटाने का काम सौंपा था। वे शराब नीति में अनुकूल बदलाव के बदले में अवैध रिश्वत की मांग कर रहे थे।
गोवा भेजे गए 44.5 करोड़ रुपये- CBI
CBI का आरोप है कि केजरीवाल ने 'साउथ ग्रुप' से वसूले 100 करोड़ रुपए गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च करने का निर्देश दिया था। एजेंसी के मुताबिक, साउथ ग्रुप ने शराब नीति में अनुकूल बदलाव के लिए AAP को 100 करोड़ रुपये दिए थे। इसमें से 44.5 करोड़ रुपये पार्टी ने चुनावी खर्चों को पूरा करने के लिए गोवा भेजे। AAP से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले गोवा के 2 नेताओं ने कहा कि उन्हें नगद में पैसा मिला था।
हवाला के जरिए गोवा भेजा गया पैसा
एजेंसी ने दावा किया कि 2 अन्य आरोपी विनोद चौहान और आशीष माथुर के जरिए पैसा गोवा भेजा गया था। एजेंसी ने कुछ नोटों की तस्वीर भी पेश की है, जो हवाला के जरिए पैसे भेजने में इस्तेमाल किए गए थे। CBI का दावा है कि शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं का एक गुट तैयार था और सभी ने अपने फायदे के लिए नियमों का उल्लंघन किया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
केजरीवाल की जमानत याचिका पर नहीं आया फैसला
5 सितंबर को केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान केजरीवाल के वकील ने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और केवल जेल में रखने के लिए ही केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, CBI ने एक बार फिर केजरीवाल को मुख्य आरोपी बताते हुए कहा कि अगर जमानत दी गई तो कई गवाह मुकर जाएंगे। फिलहाल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल
शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में 26 जून को CBI ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। CBI ने उन पर शराब नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में अनियमितता का आरोप लगाया था। 20 जून को ED वाले मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल गई थी, लेकिन CBI वाले मामले में जमानत नहीं मिलने की वजह से वे जेल से बाहर नहीं आ सके थे।