केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, वकील बोले- जेल में रखने के लिए किया गिरफ्तार
शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आज (5 सितंबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केजरीवाल की ओर से कहा गया कि उन्हें केवल जेल में रखने के लिए गिरफ्तार किया गया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि केजरीवाल करीब 5 महीने से जेल में बंद हैं।
केजरीवाल बोले- गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "CBI ने जानबूझकर मार्च में गिरफ्तार किया, ताकि केजरीवाल को जेल में रखा जा सके और वे राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम ना दे सकें। जब ED में जमानत मिली तो ऐसा किया गया। केजरीवाल के खिलाफ कोई नया सबूत नहीं है। CBI मामले में हाई कोर्ट से राहत मिली थी। CBI ने 2 साल बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया। सिर्फ एक गवाही को आधार बनाकर गिरफ्तारी हुई।"
केजरीवाल के वकील ने क्या दलीलें दीं?
-गिरफ्तारी मनमाने ढंग से और अधिकारियों की मर्जी के आधार पर नहीं की जा सकती। -एक व्यक्ति जो संवैधानिक पदाधिकारी है, उसके फरार होने का जोखिम नहीं हो सकता। केजरीवाल समाज के लिए खतरा नहीं हैं, वे मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। -बिना किसी आधार के अचानक किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, इसके लिए सुरक्षा उपाय होने चाहिए। -CBI इस मामले में सिर्फ इंश्योरेंस अरेस्ट करना चाहती थी, CBI के पास कुछ नया आधार नही है।
क्या बोले CBI के वकील?
अतिरिक्त महाधिवक्ता एसवी राजू ने कहा, "केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी की इजाजत देने वाले निचली अदालत के आदेश को अब तक चुनौती नहीं दी है। हमारी अर्जी को निचली अदालत ने स्वीकार किया, उसके बाद वारंट जारी किया गया और हमने उनकी गिरफ्तारी की।" उन्होंने बताया कि केजरीवाल को गिरफ्तारी से पहले CBI ने नोटिस नहीं दिया था, क्योंकि वे पहले से ही न्यायिक हिरासत में थे। उन्होंने एक बार फिर केजरीवाल को मुख्य आरोपी बताया।
21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल
शराब नीति मामले में ED ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में 26 जून को CBI ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। CBI ने उन पर शराब नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में अनियमितता का आरोप लगाया था। 20 जून को ED वाले मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल गई थी, लेकिन CBI वाले मामले में जमानत नहीं मिलने की वजह से वे जेल से बाहर नहीं आ सके थे।
क्या है शराब नीति से जुड़ा मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी CBI से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें इस नई नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।