मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार दोबारा खोलेगी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ हत्या का पुराना मामला
मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार भारतीय जनता पार्टी नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ हत्या के एक पुराने मामले को दोबारा खोलने पर विचार कर रही है। मामले में साध्वी प्रज्ञा को 2017 में बरी कर दिया गया था। यह खबर तब आई है जब लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल में भोपाल से प्रज्ञा की जीत निश्चित बताई जा रही है। प्रज्ञा के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह मैदान में थे। परिणाम 23 मई को घोषित किया जाएगा।
क्या है ये पुराना मामला?
गुरुजी के नाम से चर्चित पूर्व RSS प्रचारक सुनील जोशी की 29 दिसंबर, 2007 को देवास जिले में बाइक सवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। शुरुआत में मामले में कोई सबूत नहीं मिले, लेकिन फिर राजस्थान से गिरफ्तार एक शख्स ने प्रज्ञा और अन्य 7 आरोपियों तक पहुंचाया। सभी पर हत्या का मामला चलाया गया। 2017 में कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया, जिसके बाद मामले को बंद कर दिया गया।
उच्च न्यायालय में अपील करेगी कांग्रेस सरकार
अब राज्य सरकार मामले की फाइल फिर से खोलने पर विचार कर रही है। राज्य के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने मंगलवार को बताया कि उनकी सरकार जोशी की हत्या के मामले को फिर से खोलने पर कानूनी सलाह ले रही है। कानूनी सलाह लेने के बाद राज्य सरकार मामले को दोबारा खोलने के लिए उच्च न्यायालय में अपील करेगी। उन्होंने बताया कि देवास के जिलाधिकारी को मामले पर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
कांग्रेस का दावा, जिलाधिकारी ने खुद से बंद किया मामला
शर्मा ने दावा किया कि देवास के तत्कालीन जिलाधिकारी ने अपनी मर्जी से मामले को बंद करने का फैसला लिया था और विधि विभाग से इस पर कोई सलाह नहीं ली गई। उन्होंने कहा, "जिलाधिकारी को खुद यह फैसला लेने की बजाय कि मामले में उच्च न्यायालय में अपील करने की कोई जरूरत नहीं है, विधि विभाग को रिपोर्ट भेजकर सलाह लेनी चाहिए थी।" बता दें कि तब राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी।
भाजपा ने बताया बदले की राजनीति
भाजपा ने कमलनाथ सरकार के इस कदम को बदले की राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश सरकार ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि प्रज्ञा कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। यह बदले की राजनीति है।"
पूरा चुनाव चर्चा में रहीं प्रज्ञा ठाकुर
बता दें कि प्रज्ञा पर मालेगांव बम धमाकों में शामिल होने का आरोप भी है और वह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। जब भाजपा ने उन्हें भोपाल से अपना उम्मीदवार घोषित किया था तो इस पर जमकर बवाल हुआ था। प्रज्ञा ने पहले मुंबई हमलों के शहीद हेमंत करकरे पर विवादित बयान दिया, फिर महात्मा गांधी की हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर बहुत बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। बाद में उन्होंने दोनों बयानों पर माफी मांग ली थी।