अरुणाचल प्रदेश: उग्रवादी हमले में विधायक समेत 7 लोगों की मौत, घात लगाकर किया हमला
मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के तिराप जिले में उग्रवादियों ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के विधायक तिरोंग अबो सहित 7 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। मरने वालों में अबो के परिवार और सुरक्षा के लोग शामिल हैं। हमले के पीछे नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN) के उग्रवादियों का हाथ माना जा रहा है, जिन्होंने घात लगाकर हमला किया। NPP मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की पार्टी है और उन्होंने अपने विधायक की मौत पर दुख जताया है।
काफिले को रोक कर अंधाधुंध फायरिंग
अरुणाचल प्रदेश के खोंसा पश्चिम क्षेत्र से विधायक अबो असम से अपने विधानसभा क्षेत्र लौट रहे थे। उनके काफिले में 3 गाड़ियां थी, जिनमें से पहले गाड़ी को उनका बेटा चला रहा था। सुबह 11:30 बजे के करीब जब वह बोगापानी गांव से गुजर रहे थे, तब संदिग्ध NSCN उग्रवादियों ने काफिले को रोक लिया और अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगे। हमले में अबो, उनके बेटे, अन्य 3 लोगों और 2 सुरक्षा कर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई।
मिल चुकी थी जानलेवा हमले की धमकी
पहले कांग्रेस के विधायक रहे अबो इस बार NPP की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। खबरों के अनुसार, उग्रवादी पहले भी उन्हें जान से मारने की धमकी दे चुके थे। बताया जा रहा है कि सभी उग्रवादी लड़ाके की वेशभूषा में थे। असम राइफल्स इलाके में सर्च अभियान चला रहा है। बता दें कि उग्रवादी इससे पहले भी NPP और भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं की हत्या कर चुके हैं।
मेघालय के मुख्यमंत्री की कार्रवाई की मांग
घटना और अपने विधायक की मौत पर मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने दुख जताया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "NPP अपने विधायक श्री तिरोंग अबो और उनके परिवार की हत्या की खबर से बहुत हैरान और दुखी है। हम इस क्रूर हमले की निंदा करते हैं और राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हैं।"
अपने विधायक की मौत पर मुख्यमंत्री संगमा दुखी
दंतेवाड़ा में भाजपा विधायक की हुई थी हत्या
भारत में राज्य विरोधी हिंसा से प्रभावित इलाकों में पहले भी कई नेताओं की हत्या हो चुकी है। अगर इसी साल की बात करें तो 27 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने भाजपा विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर हमला करके उनकी हत्या कर दी थी। हमले में 3 सुरक्षा बलों और ड्राइवर को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। नक्सली इसके अलावा चुनाव को बढ़ावा देने वाले अन्य काफिलों पर भी हमला कर चुके हैं।