मानवता की शानदार मिसाल, CRPF जवान ने घायल नक्सली को खून देकर बचाई जान

इंसानियत की एक शानदार मिसाल पेश करते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान ने एक घायल नक्सली को खून दिया है। सबके लिए उदाहरण बनने वाले जवान का नाम सीटी राजकमल है। जिस घायल नक्सली को राजकमल ने खून दिया, वह CRPF के साथ मुठभेड़ में ही घायल हुआ था। ट्विटर पर जवान के इस कदम की बहुत सराहना हो रही है और उसे देशभक्ति और इंसानियत का प्रतीक बताया जा रहा है।
CRPF ने राजकमल की रक्त दान करते हुए तस्वीर ट्वीट की है। ट्वीट में तस्वीर के साथ लिखा हुआ है, 'परोपकार का भाव'। ट्वीट के अनुसार, नक्सलियों ने 29 जनवरी को 209 कोबरा टीम पर हमला किया था, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में शोमू पूर्ति नामक नक्सली को गंभीर चोटें आईं। मुठभेड़ में एक गोली शोमू के गाल में छेद करते हुए निकल गई थी। इस दौरान अन्य 4 नक्सली मारे गए थे।
EPITOME OF BENEVOLENCE: CT Rajkamal of CRPF donated blood to save the life of a Naxal who suffered grievous injuries during the encounter which took place when the Naxals attacked a team of 209 CoBRA. Rajkamal said that he considered his duty to help a fellow Indian in need. pic.twitter.com/VNnIi8Qpub
— 🇮🇳CRPF🇮🇳 (@crpfindia) February 5, 2019
घायल होने के बाद शोमू को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने बताया कि उसकी जान बचाने के लिए खून की जरूरत है। झारखंड CRPF इंस्पेक्टर जनरल संजय आनंद लाटकर ने जब इसकी जानकारी अपनी टीम को दी तो राजकमल मदद के लिए आगे आया। उसे जैसे ही पता चला कि उसका और घायल नक्सली का ब्लड ग्रुप समान है, बिना समय बर्बाद किए वह अस्पताल रवाना हो गया और रक्त दान किया।
अपने सराहनीय कदम पर राजकमल का कहना है कि उसने मानवता के नाते यह सब किया। उसने कहा, "हमारी पहले कई लड़ाईयां हुई हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मुझे उससे कोई निजी दुश्मनी है। वे आखिरकार हमारे भारतीय साथी हैं।" शोमू प्रतिबंधित कट्टपंथी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) का सदस्य है। PLFI और CRPF के बीच खूनी संघर्ष के इतिहास को देखते हुए उनका कदम सराहनीय होने के साथ चौंकाने वाला है।
PLFI के हमलों में CRPF के कई जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। गौरतलब है कि PLFI का गठन 2003 में सेना के एक पूर्व जवान दिनेश गोपे ने किया था। यह इलाके में सक्रिय 17 नक्सली संगठनों में से एक है, जो जबरन वसूली, बाल तस्करी और हत्या की वारदातों को अंजाम देते हैं। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के 24 में से 18 जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं।