कर्मचारियों की हड़ताल के कारण चंडीगढ़ में 36 घंटे से बिजली गुल, अस्त-व्यस्त हुआ आम जनजीवन
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के कारण पिछले 36 घंटे से अधिक समय से बिजली गुल है। इसके कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लोगों कोे भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ प्रशासन ने संकट से निपटने के लिए पंजाब और हरियाणा से मदद मांगी है और उनसे अपने कुछ बिजली कर्मचारी भेजने का अनुरोध किया है। हालांकि पंजाब ने अपने कर्मचारी भेजने से इनकार कर दिया है।
क्यों हड़ताल कर रहे हैं बिजली कर्मचारी?
चंडीगढ़ बिजली विभाग के कर्मचारी अपने विभाग के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने पिछले साल के अंत में विभाग के निजीकरण की अनुमति दी थी और 6 जनवरी को सबसे ऊंची बोली को मंजूर किया था। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को डर है कि निजीकरण से उनकी नौकरी की शर्तें बदल जाएंगी और बिजली की कीमतों में भी वृद्धि हो जाएगी। कर्मचारियों की ये हड़ताल तीन दिन चलेगी।
बिजली गुल होने के कारण क्या-क्या समस्याएं हो रहीं?
प्रशासन के साथ बातचीत न बनने के बाद बिजली कर्मचारी सोमवार शाम से हड़ताल कर रहे हैं और तभी से चंडीगढ़ में बिजली गुल है। बिजली गुल होने के कारण शहर में पानी भी नहीं आ रहा है और हजारों घरों को बिना बिजली-पानी काम चलाना पड़ रहा है। कई जगहों पर ट्रैफिक लाइट्स तक काम नहीं कर रही हैं, वहीं ऑनलाइन कक्षाओं और कोचिंग्स को भी बंद करना पड़ा है। बिजली का औद्योगिक फैक्ट्रियों पर भी असर पड़ा है।
अस्पतालों में टालनी पड़ रहीं सर्जरी
चंडीगढ़ स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ सुमन सिंह ने हड़ताल पर कहा, "हमारे पास बैकअप योजना है, जैसे कि हमारे पास जनरेटर्स हैं। लेकिन आप एक अस्पताल का 100 प्रतिशत लोड जनरेटर पर नहीं डाल सकते। इसलिए हमें सर्जरी टालनी पड़ रही हैं।"
हड़ताल खत्म कराने के लिए तमाम रास्ते अपना रहा प्रशासन
चंडीगढ़ प्रशासन हड़ताल खत्म कराने की कोशिश में लगा हुआ है और इसी दिशा में कर्मचारियों की यूनियन के साथ बैठक की गई, लेकिन इसमें कोई समाधान नहीं निकला। मंगलवार शाम को प्रशासन ने आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम लागू करके हड़ताल करने पर छह महीने के लिए प्रतिबंध भी लगाया, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ। प्रशासन ने बिजली सप्लाई बनाए रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम होने का दावा भी किया था, लेकिन उनका ये दावा खोखला साबित हुआ।
हाई कोर्ट ने दिया मामले में दखल, चीफ इंजीनियर को तलब किया
मामले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भी दखल दिया है और चंडीगढ़ के चीफ इंजीनियर को तलब कर उससे बिजली संकट को खत्म करने के लिए उठाए जा रहे कदम की जानकारी मांगी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस संकट से ऑनलाइन पढ़ाई, अस्पताल और कोर्ट, सभी प्रभावित हो रहे हैं। वहीं प्रशासन ने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण ये संकट पैदा हुआ है और पंजाब और हरियाणा से मदद मांगी गई है।