'कोवैक्सीन' की बूस्टर डोज से मिलेगी लंबी सुरक्षा, ट्रायल में आए शानदार नतीजे- भारत बायोटेक
क्या है खबर?
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और अन्य बीमारियों से ग्रसित 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज (तीसरी खुराक) देने की तैयारी चल रही है।
इसी बीच राहत की खबर आई है कि कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन की बूस्टर डोज ने ट्रायल में शानदार परिणाम दिखाए हैं।
यह कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी सुरक्षा देने वाली मिली है। खुद भारत बायोटेक ने इसकी जानकारी दी है।
दावा
कंपनी का दावा- बूस्टर डोज से खतरनाक वेरिएंट के खिलाफ भी बनी है एंटीबॉडी
न्यूज 18 के अनुसार, भारत बायोटेक ने दावा किया है कि कोवैक्सिन की बूस्टर डोज BBV152 लगाने (दो डोज लेने के 6 महीने बाद) के बाद 90 प्रतिशत वॉलेंटियर्स में कोरोना वायरस के खतरनाक वेरिएंट के खिलाफ भी एंटीबॉडी पाई गई है।
कंपनी ने कहा कि बूस्टर डोज ने वायरस के अल्फा, बीटा, डेल्टा और डेल्टा प्लस के खिलाफ भी एंटीबॉडी बनाए रखी है। ऐसे में यह सुरक्षित है और इम्यूनिटी बनाए रखने के लिए जरूरी है।
इजाफा
"बूस्टर डोज के बाद एंटीबॉडी में हुआ पांच गुना इजाफा"
भारत बायोटेक ने कहा, "बूस्टर डोज के ट्रायल के दौरान इसे लेने के बाद वॉलेंटियरों में बनने वाली एंटीबॉडी पहले ली गई दो खुराकों के मुकाबले पांच गुना तक बढ़ गई।"
कंपनी ने आगे कहा, "बूस्टर डोज लेने के बाद लोगों में CD4 और CD8 कोशिकाओं में बढ़ोतरी देखी गई। इसका मतलब है कि बूस्टर डोज कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी सुरक्षा उपलब्ध कराती है। ट्रायल के दौरान इसके दुष्परिणाम की दर भी काफी कम देखी गई है।"
बयान
दुनिया को बूस्टर डोज देने की दिशा में मजबूत आधार है ट्रायल परिणाम- डॉ कृष्णा एला
भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (CMD) डॉ कृष्णा एला ने कहा, "ट्रायल के परिणाम कोवैक्सिन को बूस्टर डोज के रूप में उपलब्ध कराने के हमारे लक्ष्य की दिशा में एक मजबूत आधार हैं।"
उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक वैक्सीन विकसित करने के हमारे लक्ष्यों को हमने वयस्कों, बच्चों के लिए दो खुराक और बूस्टर डोज के रूप में कोवैक्सिन के साथ हासिल किया गया है। परिणाम कोवैक्सिन को वैश्विक स्तर पर उपयोग में सक्षम बनाता है।"
प्रभावी
कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी है 'कोवैक्सीन'
बता दें कि देश में वैक्सीनेशन अभियान में काम आ रही भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' कोरोना वायरस के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक प्रभावी रहे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह 65.2 प्रतिशत और कोरोना वायरस के अन्य सभी वेरिएंटों के खिलाफ 70.8 प्रतिशत प्रभावी रही है।
देश में निर्मित यह वैक्सीन कोरोना वायरस के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी रही है।
घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने की थी बूस्टर डोज की घोषणा
बता दें ओमिक्रॉन वेरिएंट के कहर को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोेदी ने 25 दिसंबर की रात को देश के नाम संबोधन देते हुए स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य बीमारियों से ग्रसित 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को 10 जनवरी से बूस्टर खुराक लगाने का ऐलान किया था।
उन्होंने इसे बूस्टर डोज न कहकर प्रिकॉशन डोज कहा था। इसी तरह उन्होंने 3 जनवरी से 15-18 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन का भी ऐलान किया था।