दिल्ली दौरे पर रूस के NSA, अफगानिस्तान के मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठकों में लेंगे हिस्सा
अफगानिस्तान के घटनाक्रमों को देखते हुए भारत पिछले कुछ दिनों से अमेरिका और रूस के संपर्क में है। दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अफगानिस्तान के मामले पर स्थायी द्विपक्षीय चैनल खोलने पर सहमत हुए थे। अब रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) भारत यात्रा पर हैं और वो कई उच्च स्तरीय बैठकों में हिस्सा लेंगे। उनके अलावा अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के प्रमुख भी प्रतिनिधिमंडल के साथ इसी सप्ताह भारत आए हैं।
प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे पात्रुशेव
रूसी NSA निकोलाई पात्रुशेव अपने भारतीय समकक्ष के निमंत्रण पर 7 सितंबर को दिल्ली पहुंचे थे। अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान वो अफगानिस्तान पर भारत-रूस उच्च स्तरीय विचार विमर्श में शामिल होंगे और विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात करेंगे।
अफगानिस्तान के मुद्दे पर संपर्क में रहेंगे भारत और रूस के अधिकारी
पात्रुशेव की यात्रा मोदी और पुतिन के बीच टेलिफोनिक वार्ता के बाद हुई है, जिसमें दोनों नेताओं ने माना था कि सामरिक सहयोगियों के लिये साथ मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है और अपने वरिष्ठ अधिकारियों से अफगानिस्तान के मुद्दे पर सम्पर्क में रहने का निर्देश दिया था। इससे पहले अप्रैल में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दिल्ली दौरे पर आए थे। हालांकि, उनकी प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक नहीं हुई थी।
CIA प्रमुख भी पहुंचे दिल्ली
द हिंदू ने रिपोर्ट किया है कि CIA प्रमुख विलियम बर्न्स के नेतृत्व में अमेरिकी खुफिया और सुरक्षा अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा था। यहां प्रतिनिधिमंडल ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। इसमें अफगानिस्तान से निकासी अभियान और तालिबान के सरकार गठन जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। भारत और अमेरिका ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इस प्रतिनिधिमंडल के भारत के बाद पाकिस्तान जाने की भी खबरें हैं।
अगले 10 दिनों में दो अहम बैठक
दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के 10 दिनों के भीतर भारत और रूस दो अहम वर्चुअल बैठकों में शामिल होने वाले हैं, जहां अफगानिस्तान के मु्द्दे पर चर्चा हो सकती है। 9 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी BRICS सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, जिसमें पुतिन शामिल हो सकते हैं। इसके बाद 16-17 सितंबर को SCO सम्मेलन होगा, जिसमें मोदी और पुतिन मंच साझा कर सकते हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग में दोनों बैठकों में शामिल हो सकते हैं।
कार्यवाहक सरकार का ऐलान कर चुका है तालिबान
उधर अफगानिस्तान पर कब्जे के लगभग तीन सप्ताह बाद तालिबान ने अपनी कार्यवाहक सरकार का ऐलान कर दिया है। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री और मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को कार्यवाहक उप प्रधानमंत्री बनाया गया है। वहीं तालिबान के प्रमुख शेख हिब्दुल्लाह अखुंदजादा सुप्रीम लीडर होंगे। तालिबान ने कुल 33 मंत्रियों के नाम का ऐलान किया है, जिनमें से कईयों के नाम आतंकियों की सूची में शामिल हैं। इसके अलावा 33 मंत्रियों में एक भी महिला नहीं है।