गोवा में वैक्सीनेशन की रफ्तार सबसे तेज, उत्तर प्रदेश और बिहार सूची में सबसे नीचे
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन लगाने में गोवा सबसे आगे हैं। गुरुवार सुबह तक यहां की 37.35 फीसदी आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल चुकी थी।
इस मामले में सिक्किम दूसरे और हिमाचल प्रदेश तीसरे स्थान पर हैं। इन राज्यों में क्रमश: 37.29 प्रतिशत और 30.35 प्रतिशत आबादी को कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है।
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश और बिहार इस सूची में सबसे नीचे हैं।
वैक्सीनेशन अभियान
इन राज्यों की एक चौथाई आबादी को मिली एक खुराक
न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, केरल में अब तक एक चौथाई से ज्यादा आबादी (26.23 प्रतिशत) को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है।
गुजरात इस मामले में केरल को कड़ी टक्कर दे रहा है और यहां की 25.69 फीसदी आबादी वैक्सीन की एक खुराक ले चुकी है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां 25.39 प्रतिशत और हरियाणा में 23.7 प्रतिशत आबादी को एक खुराक लगाई जा चुकी है।
वैक्सीनेशन अभियान
लक्षद्वीप में 58 फीसदी आबादी को मिली एक खुराक
लद्दाख और लक्षद्वीप वैक्सीनेशन की दौड़ में सबको पछाड़ रहे हैं। लगभग 73,000 की आबादी वाले लक्षद्वीप में 58 फीसदी और 2.74 लाख की आबादी वाले लद्दाख में 54 प्रतिशत निवासी एक खुराक ले चुके हैं।
पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों की बात करें त्रिपुरा और मिजोरम क्रमश: अपनी आबादी के 29 प्रतिशत और 28 प्रतिशत भाग को एक खुराक लगा चुके हैं। वहीं उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में 24 फीसदी से ज्यादा लोगों को एक खुराक दी जा चुकी है।
कोरोना वायरस वैक्सीनेशन
बड़े राज्यों की क्या स्थिति है?
देश के बड़े राज्यों बात करें तो कर्नाटक अपनी 22 फीसदी, राजस्थान 21 फीसदी, तेलंगाना 19 फीसदी, आंध्र प्रदेश 18 फीसदी, महाराष्ट्र और पंजाब 17-17 फीसदी, ओडिशा 16 फीसदी, पश्चिम बंगाल 14 फीसदी और झारखंड और तमिलनाडु में 12-12 फीसदी आबादी को एक खुराक लगा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश और बिहार में अब तक वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। दोनों राज्यों में क्रमश: 8.53 और 8.61 फीसदी जनसंख्या को एक खुराक लगाई गई है।
वैक्सीनेशन अभियान
दूसरी खुराक देने में लद्दाख और त्रिपुरा सबसे आगे
वैक्सीन की दोनों खुराकें देने के मामले में लद्दाख, त्रिपुरा और लक्षद्वीप देश में सबसे आगे हैं। लद्दाख और त्रिपुरा अपनी 13-13 फीसदी और लक्षद्वीप 10 फीसदी आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट कर चुका है।
बता दें कि भारत में वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत 16 जनवरी से हुई थी।
शुरुआती चरण में स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर और बुजुर्गों को वैक्सीन लगाई गई थी। 1 मई से 18 साल से अधिक के सभी लोगों को वैक्सीनेशन अभियान में शामिल किया गया था।
योजना
दिसंबर तक सबको वैक्सीनेट करने का लक्ष्य
वैक्सीन की कमी के कारण धीमा पड़ा वैक्सीनेशन अभियान धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है। सरकार ने मध्य जुलाई से रोजाना एक करोड़ खुराकें लगाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए वैक्सीन का इंतजाम किया जा रहा है।
सरकार दिसंबर तक बच्चों समेत पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने की योजना के साथ आगे बढ़ रही है। देश में 12-18 साल के लगभग 13 करोड़ बच्चों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है।