कोरोना वैक्सीनेशन: 27 प्रतिशत वयस्क आबादी को लगी एक खुराक, आदिवासी जिलों का शानदार प्रदर्शन
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि अभी तक देश की 27 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को कोरोना वायरस वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है।
अपने हलफनामे में केंद्र ने बताया है कि आदिवासी जिलों में वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार तेज है और लगभग 100 आदिवासी जिलों का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
इसके अलावा 1 मई के बाद आधी से अधिक खुराकें ग्रामीण इलाकों में लगी हैं।
हलफनामा
45 साल से अधिक उम्र की 44 प्रतिशत आबादी को लगी एक खुराक
शनिवार को दाखिल किए गए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हलफनामे के अनुसार, अभी तक प्राथमिकता समूह (45 साल से अधिक उम्र) की 44.2 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, वहीं 18-44 साल आयु वर्ग में आने वाली 13 प्रतिशत वयस्क आबादी को पहली खुराक लग चुकी है।
मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 18 साल से अधिक आबादी के वैक्सीनेशन के लिए सरकार को 186-188 करोड़ खुराकों की आवश्यकता पड़ेगी।
आदिवासी इलाके
97 आदिवासी जिलों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर वैक्सीनेशन
आदिवासी इलाकों में वैक्सीनेशन अभियान की सफलता के बारे में बताते हुए हलफनामे में कहा गया है कि 23 जून तक 176 में से 97आदिवासी जिलों का प्रदर्शन बाकी देश से बेहतर था।
हलफनामे के अनुसार, जहां राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 10 लाख लोगों पर 2.13 लाख खुराकें लगी हैं, वहीं आदिवासी इलाकों में प्रति 10 लाख लोगों पर 2.19 लाख खुराकें लग चुकी हैं।
इन इलाकों में वैक्सीनेशन का लिंग अनुपात भी बाकी देश से बेहतर है।
डिजिटल भेदभाव
अनिवार्य नहीं कोविन पर रजिस्ट्रेशन, दी जा रही वॉक-इन वैक्सीनेशन की सुविधा- मंत्रालय
कोविन प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के कारण कई लोगों के वैक्सीनेशन में पीछे छूटने की आलोचनाओं का जवाब देते हुए हलफनामे में कहा गया है कि कोविन पर पहले से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है और वॉक-इन वैक्सीनेशन की सुविधा भी दी जा रही है।
मंत्रालय के अनुसार, 23 जून तक जिन 32.22 करोड़ लाभार्थियों को रजिस्ट्रेशन हुआ है, उनमें से 19.13 करोड़ यानि 59 प्रतिशत ने वॉक-इन रजिस्ट्रेशन कराया था।
ग्रामीण इलाके
1 मई के बाद 56 प्रतिशत वैक्सीनेशन ग्रामीण इलाकों में
मंत्रालय ने यह भी बताया है कि देश के कुल 1,24,969 वैक्सीनेशन केंद्रों में से 93,044 वैक्सीनेशन केंद्र ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं।
यही नहीं, 1 मई से 23 जून के बीच इन वैक्सीनेशन केंद्रों के जरिए लगाई गई 17,10,18,010 खुराकों में से लगभग 9.61 करोड़ यानि 56.24 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में लगाई गई हैं।
हलफनामे में कहा गया है कि बिना किसी पहचान पत्र वाले लगभग 1.5 लाख लोगों को भी वैक्सीन लगाई गई।
घर-घर वैक्सीनेशन
मंत्रालय ने खारिज की घर-घर वैक्सीनेशन अभियान की संभावना
अपने हलफनामे में मंत्रालय ने घर-घर वैक्सीनेशन की संभावनाओं को खारिज किया है और कहा है कि यह उपयोगी नहीं है।
मंत्रालय ने कहा है, "हर घर पर वैक्सीन कैरियर को खोलने पर वैक्सीन की कोल्ड चैन टूटने की उच्च संभावना है जिससे वैक्सीनेशन की प्रभावशीलता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। हर घर जाने के बाद वैक्सीनेटर को संक्रमण का अधिक खतरा भी रहेगा।"
हालांकि घर के पास वैक्सीनेशन कैंप लगाकर 39 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई है।
वैक्सीनेशन अभियान
भारत में अभी वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
देश में 27 जून तक कोरोना वैक्सीन की 32,17,60,077 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 26,53,84,559 लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लग चुकी है, वहीं 5,63,75,518 लोगों को दोनों खुराकें लग चुकी हैं।
शनिवार को देश में कुल 64,25,893 खुराकें लगीं और 21 जून के बाद से वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज हुई है।
अभी देश में तीन कोरोना वैक्सीनों, कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक-V, का इस्तेमाल हो रहा है।