जम्मू-कश्मीर: पिछले साल आतंकवादी घटनाओं में आई 63.93 प्रतिशत की कमी- गृह मंत्रालय
केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से भले ही सीजफायर के उल्लंघन में बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन वहां होने वाली आतंकवादी घटनाओं ने भारी कमी आई है। स्वयं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। गृह मंत्रालय के अनुसार अनुच्छेद-370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं 63.93 प्रतिशत कम हो गई है।
सरकार ने अगस्त, 2019 में खत्म किया था अनुच्छेद 370
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके अलावा सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग करते हुए केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला भी लिया था और दोनों इलाके केंद्र सरकार के अधीन आ गए थे। सरकार के इस फैसले का जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां लगातार विरोध कर रही हैं।
सुरक्षा बलों के हताहत होने की संख्या में आई 29.11 प्रतिशत की कमी
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार केंद्रीय गृृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि साल 2019 की तुलना में 15 नवंबर, 2020 तक जम्मू-कश्मीर में होने वाली आतंकवादी घटनाओं में 63.93 प्रतिशत की भारी कमी आई है। इस अधिव में शहीद होने वाले जवानों की संख्या में भी 29.11 प्रतिशत की कमी आई है। आतंकी घटनाओं में हताहत होने वाले आम नागरिकों की संख्या में भी 14.28 प्रतिशत की कमी आई है।
कानूनों को जम्मू-कश्मीर में लागू करना बड़ी उपलब्धि- गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय ने वार्षिक उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के कानूनों को जम्मू-कश्मीर में लागू करना महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित 48 और राज्य से संबंधित 167 कानूनों को लागू करने के लिए आदेश जारी किया। वहीं मंत्रालय ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 44 केंद्रीय कानूनों और 148 राज्य संबंधित कानून के लागू करने के आदेश दिए गए।
जम्मू-कश्मीर के लिए यह उठाए विशेष कदम- गृह मंत्रालय
मंत्रालय ने कहा कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन आदेश, 2020 को 31 मार्च, 2020 को अधिसूचित किया गया था। इसके अलावा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की एक पीठ जम्मू में 8 जून, 2020 को स्थापित की गई थी। इसी तरह गुलाम कश्मीर और छंब से आए 36,384 विस्थापित परिवारों को प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत प्रति परिवार 5.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी की गई है। इससे उन्हें बड़ी राहत मिली है।
पिछले वर्ष की तुलना में अधिक मारे गए आतंकी
बता दें भारतीय सेना ने 2020 में 200 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है। साल 2019 में सेना में कुल 157 आतंकियों को मौत को घाट उतारा था, लेकिन 2020 में अक्टूबर तक ही 200 से अधिक आतंकी मारे जा चुके थे। इनमें 10 आतंकी जम्मू में और 190 से अधिक आतंकी कश्मीर में मारे गए थे। इनमें हिजबुल मुजाहिद्दीन के सबसे ज्यादा 72, लश्कर-ए-तैयबा के 59, जैश-ए-मोहम्मद के 37 और अन्य आतंकी संगठनों के 32 आतंकवादी थे।
इन्हें भी दी जा रही है सहायता
गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में पश्चिम पाकिस्तान से आए शरणार्थियों (WPR) के 5,764 परिवारों को भी 5.5 लाख रुपये प्रति परिवार की दर से एक बार की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इससे लोगों को बड़ा फायदा हुआ है।
26 कमांडरों को उतारा जा चुका है मौत के घाट
सेना और पुलिस की मुस्तैदी के कारण कश्मीर में आतंकवाद की कमर टूट चुकी है। इस वर्ष सुरक्षाबलों ने कश्मीर के अलग-अलग जिलों में अभी तक विभिन्न आतंकी संगठनों के 26 टॉप कमांडरों को मौत के घाट उतारा है। ये आतंकी सुरक्षाबलों पर हमला करने के अलावा युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर लाने का काम कर रहे थे। इनके सहारे ही कश्मीर में आतंकवाद चल रहा था। इसमें सबसे बड़ी सफलता रियाज नाइकू के रूप में मिली थी।
इस साल 3,000 से अधिक बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर चुका है पाकिस्तान
पाकिस्तान ने इस साल 1 जनवरी से अक्टूबर तक LAC पर 3,250 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। यह नवंबर 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किए गए संघर्ष विराम समझौते के बाद से उल्लंघन की सबसे अधिक संख्या है। इस दौरान 268 बार गोलीबारी की घटनाएं हुई है। इन घटनाओं में अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक जवान शहीद हो गए और सात जवान घायल हो चुके हैं। भारत ने हर बार करारा जवाब दिया है।