कश्मीर दौरे पर गए यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के अनाधिकारिक दौरे पर यूरोपीय संघ (EU) के सांसदों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इन सासंदों ने कहा कि भारत एक शांतिपसंद देश है और कश्मीरी लोगों को काफी उम्मीदें हैं।
23 सासंदों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और वो इस मुद्दे पर भारत के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बड़ी समस्या है और पाकिस्तान आतंकियों को फंडिंग करता है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस
जम्मू-कश्मीर को लेकर जानकारी हासिल करना उद्देश्य- सांसद
यूरोपीय संसद के सदस्य थेरी मरियानी ने कहा कि इस दौरे पर उनका मकसद जम्मू-कश्मीर को लेकर जानकारी हासिल करना था। यहां स्थितियां अब सामान्य होने की तरफ बढ़ रही हैं।
एक दूसरे सांसद ने कहा कि उन्होंने दौरे के दौरान कई सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की, जिन्होंने शांति कायम करने के लिए अपना विजन बताया।
UK के यूरोपीय सांसद बिल न्यूटन ने मंगलवार को मजदूरों की हत्या को दर्दनाक बताया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस
राजनीति में दखल देने नहीं आए- सांसद
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उनके दौरे को राजनीतिक दृष्टि से देखा गया, जो ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि वो भारत की राजनीति में दखल देने नहीं बल्कि जानकारी लेने आए हैं।
इन सांसदों ने कहा कि अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मामला है और भारत-पाकिस्तान को आपस में बात कर मसले सुलझाने चाहिए।
सांसदों ने कहा कि वो इस दौरे को लेकर संयुक्त राष्ट्र में कोई रिपोर्ट पेश नहीं करेंगे।
बयान
विपक्षी नेताओं को भी कश्मीर आने दे भारत सरकार- यूरोपीय सांसद
प्रतिनिधिमंडल में शामिल यूरोपीय सांसद निकोलॉस फेस्ट ने विपक्षी नेताओं को भी कश्मीर आने की इजाजत देनी की मांग की है।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर आप यूरोपीय सांसदों को कश्मीर में आने दे सकते हैं तो भारत के विपक्षी नेताओं को भी इसकी इजाजत देनी चाहिए। अगर किसी तरह का अंसतुलन है तो सरकार को उस पर भी ध्यान देना चाहिए।"
गौरतलब है कि सरकार विपक्षी सांसदों को कश्मीर दौरे की अनुमति नहीं दे रही है।
कश्मीर दौरा
मंगलवार को कश्मीर दौरे पर गया प्रतिनिधिमंडल
कश्मीर दौरे पहुंचे इन सासंदों ने घाटी के अलग-अलग स्थानों का दौरा किया था।
उन्होंने श्रीनगर में लोगों से बात की और डल झील में शिकारा की सवारी भी की।
इसके बाद सांसदों ने श्रीनगर में कई गांवों के सरपंचों से मुलाकात की उनकी कार्य योजनाओं की जानकारी ली।
भारतीय सेना की तरफ से इन सासंदों को कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से प्रायोजित आतंकवाद के बारे में भी जानकारी दी।
दौरा
27 में से 23 सांसद ही गए कश्मीर
यूरोपीय संघ (EU) के 23 सांसदों के अनाधिकारिक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को कश्मीर का दौरा किया था।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ये सभी सांसद निजी स्तर पर राज्य के हालात देखने के लिए पहुंचे थे।
भारत पहुंचे कुल 27 यूरोपीय संघ के सांसदों में में से 23 ही कश्मीर दौरे पर गए थे। इस प्रतिनिधिमंडल में आए सभी सदस्यों की पार्टियां और देश भले अनेक हो, लेकिन इन सबकी विचारधारा एक है।
प्रतिनिधिमंडल
चार सासंद कश्मीर क्यों नहीं गए?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 27 में चार सांसदों ने बिना किसी सुरक्षा के कश्मीर में लोगों से मिलने की शर्त रखी थी। सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी, जिसके बाद ये सांसद वापस लौट गए।
श्रीनगर जाने से पहले इन सांसदों के दल ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के साथ मुलाकात की थी।
इस मुलाकात में भी जम्मू-कश्मीर के हालात पर विस्तार से चर्चा की गई थी।
विचारधारा
दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टियों से जुड़े हैं सभी सांसद
पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद किसी विदेशी राजनयिकों का यह पहला कश्मीर दौरा था।
इस प्रतिनिधिमंडल में फ्रांस की दक्षिणपंथी रैसमेन्मेंट पार्टी के छह सदस्य, ब्रिटेन की दक्षिणपंथी ब्रेग्जिट पार्टी के चार, इटली और जर्मनी की दक्षिणपंथी पार्टियों के दो-दो, पोलैंड की दक्षिणपंथी पार्टी के पांच, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया, बेल्जियम और स्पेन के एक-एक सांसद शामिल हैं।
ये पार्टियां अपने आप्रवासी विरोधी रुख और इस्लामोफ़ोबिक बयानों के लिए जाने जाते हैं।
आलोचना
विपक्ष ने की थी सरकार की आलोचना
विदेशी सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस समते विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब भारतीय सांसदों को कश्मीर में लोगों से मिलने से रोका जा रहा है तो विदेशी सासंदों को कश्मीर दौरे की अनुमति क्यों दी गई।
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार उन्हें कश्मीर जाने से रोक रही है, लेकिन विदेशी सासंदों का स्वागत किया जा रहा है।