कोरोना वायरस नया स्ट्रेन: केंद्र ने राजस्थान को भेजी 811 ब्रिटिश पर्यटकों की सूची, ट्रैकिंग शुरू
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर अफरा-तफरी के बीच राजस्थान ने पिछले दो महीने में राज्य आए लगभग 811 ब्रिटिश पर्यटकों को ट्रैक करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के साथ इन पर्यटकों की सूची साझा की है और जिलाधिकारियों को इन पर्यटकों का टेस्ट करने का निर्देश दिया गया है। राज्य के अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक रविप्रकाश शर्मा ने लोगों से दहशत में न आने की अपील की है।
जयपुर में आए सबसे ज्यादा पर्यटक
अधिकारियों के अनुसार, जिन ब्रिटिश पर्यटकों को ट्रैक किया जा रहा है, उनमें से सबसे अधिक 333 पर्यटक जयपुर आए थे, वहीं जोधपुर में 73, अजमेर में 70, अलवर में 48, उदयपुर में 43, कोटा में 39 और झुनझुनु में 24 पर्यटक आए। रविशंकर शर्मा ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारियों को इन पर्यटकों की सूची सौंप दी है और उन्हें उनकी टेस्टिंग करने और उन्हें आइसोलेट करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है।
जयपुर में शुरू हुई पर्यटकों की स्क्रीनिंग और सैंपलिंग
जयपुर के चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर नरोत्तम शर्मा ने कहा कि इन पर्यटकों की स्क्रीनिंग और सैंपलिंग शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, "हमें उन सभी की निगरानी करनी है जो यूनाइटेड किंगडम (UK) से आए हैं... अगले तीन-चार दिन में हम जयपुर में UK से आए हर एक पर्यटक तक पहुंचने में कामयाब रहेंगे।" अन्य जिलों में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है और UK से आए सभी पर्यटकों पर निगरानी रखी जा रही है।
पिछले चार हफ्ते में UK से भारत आने वाले लोगों पर रखी जा रही है नजर
बता दें कि नए स्ट्रेन को लेकर दहशत के बीच भारत सरकार ने UK से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने UK से आने वाले यात्रियों के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी जारी की है। इसमें UK से भारत आने वाले यात्रियों का अनिवार्य RT-PCR टेस्ट करना और उन्हें सबसे अलग क्वारंटाइन करना शामिल है। पिछले चार हफ्ते में UK से भारत आने वाले लोगों पर नजर भी रखी जा रही है।
70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है नया स्ट्रेन
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहली बार सितंबर में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में पाया गया था और ये अन्य स्ट्रेनों के मुकाबले 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है। अभी ये लंदन और UK के अन्य हिस्सों में बहुत तेजी से फैल रहा है और कुछ ही समय में यहां कोरोना वायरस का प्रमुख वेरिएंट बन गया है। इंग्लैंड के अलावा ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, नीदरलैंड और इटली में भी नए स्ट्रेन से संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
नए स्ट्रेन के अधिक घातक होने के कोई सबूत नहीं
अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे साबित हो कि नया स्ट्रेन अधिक घातक है या इस पर वैक्सीन का कोई असर नहीं होगा। जानकारों का कहना है कि अभी किसी नतीजे पर पहुंचाना जल्दबाजी होगी। फिर भी संक्रमण की तेज रफ्तार के कारण चिंताएं बढ़ने लगी है। अधिक लोगों के संक्रमित होने का मतलब यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ेगा, जो कई चुनौतियां का कारण बन सकता है।