घंटे भर में वापस लिया गया CAPF कैंटीनों में विदेशी उत्पादों की बिक्री रोकने का फैसला
गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की कैंटीनों पर 1,026 विदेशी उत्पादों की बिक्री रोकने संबंधी फैसले को वापस ले लिया है। मंत्रालय ने कहा है कि जल्द ही नया आदेश जारी किया जाएगा। चंद घंटे पहले ही मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि आज से इन उत्पादों की CAPF कैंटीनों में बिक्री नहीं होगी। केवल स्वदेशी या 'मेड इन इंडिया' उत्पाद बेचने की मुहिम के तहत ऐसा किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद अमित शाह ने किया था ऐलान
13 मई को अमित शाह ने ट्वीट करते हुए बताया था कि गृह मंत्रालय ने CAPF कैंटीनों में 1 जून से केवल स्वदेशी उत्पाद की बिक्री का फैसला लिया है। एक दिन पहले ही देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से भारत में बने उत्पादों को खरीदने और गर्व से उनका प्रचार करने की अपील की थी और इसी अपील को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने ये फैसला लिया था।
बीच में आई थी आदेश वापस लेने की खबर
गृह मंत्रालय के इस आदेश का विरोध भी हुआ था और बीच में ये खबर भी आई थी कि मंत्रालय ने अपने इस आदेश को वापस ले लिया है। हालांकि मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि आदेश 1 जून से लागू होगा।
तीन कैटेगरी में बांटे गए उत्पाद
इस आदेश पर अमल करने के लिए CAPF कैंटीनों को चलाने वाली संस्था केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार ने सभी उत्पादों को तीन कैटेगरी में बांटा है। पहली कैटेगरी में उन उत्पादों को रखा गया है जो पूरी तरह से भारत में निर्मित हैं, वहीं दूसरी कैटेगरी में उन उत्पादों को रखा गया है जिनके लिए कच्चा माल तो बाहर से आया है, लेकिन उनका निर्माण भारत में किया गया। तीसरी कैटेगरी में पूरी तरह से विदेशी उत्पाद शामिल हैं।
इन उत्पादों की बिक्री होनी थी आज से बंद
आज अपने पहले आदेश में गृह मंत्रालय ने कहा था कि CAPF कैंटीनों में पहली और दूसरी कैटेगरी के उत्पादों की बिक्री जारी रहेगी, वहीं तीसरी कैटेगरी के उत्पादों की बिक्री आज से रोक दी जाएगी। इनमें न्यूटेला, किंडर जॉय, टिक टैक, हॉरलिक्स ओट्स, यूरेका फॉर्ब्स, टॉमी हिलफिगर की शर्ट्स और एडिडास बॉडी स्प्रे आदि शामिल हैं। कुछ ब्रांड के माइकोवेव ओवन, घर में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरण और फुटवियर भी आज से बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
इन सात कंपनियों के उत्पादों को भी किया जाना था
इसके अलावा सात कंपनियों को भी सूची से हटा दिया गया था और उनका कोई भी उत्पाद CAPF कैंटीनों में उपलब्ध नहीं होता। इन कंपनियों में स्केचर्स, फेरेरो, रेड बुल, विक्टोरिनॉक्स, सफिलो, पोलारोयड और करेरा शामिल थे। एक अधिकारी के अनुसार, CAPF कैंटीनों से 60-70 प्रतिशत लोग केवल आवश्यक और सामान्य उत्पाद ही खरीदते थे, लेकिन इस फैसले का असर बाकी के 30-40 प्रतिशत पर होगा जो ब्रांडेड सामान खरीदते थे।
सालाना 2,800 करोड़ रुपये की बिक्री करती हैं CAPF कैंटीनें
बता दें कि CAPF कैंटीनों से 10 लाख CAPF कर्मियों के 50 लाख परिजन सामान खरीदते हैं और सालभर में इनसे लगभग 2,800 करोड़ रुपये की बिक्री होती है। CAPF के अंतर्गत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सीमा सुरक्षा बल (SSB) और असम राइफल्स के जवान आते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के जवान भी CAPF कैंटीनों से सामान खरीदते हैं।