जम्मू-कश्मीर: भारतीय सेना ने इस साल अब तक मार गिराए 200 से अधिक आतंकी
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से भले वहां आतंकी गविधियां और हमलों में इजाफा हुआ हो, लेकिन सेना ने इनका मुंहतोड़ जवाब दिया है। यही कारण है कि सेना ने जनवरी से अक्टूबर के बीच 10 महीनों में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन सहित अन्य संगठनों के 200 से अधिक आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है। इस अवधि में सेना की ओर से की गई सक्रिय कार्रवाई से आतंकी संगठनों की कमर टूट गई है।
सेना ने रविवार को हिजबुल मुजाहिदीन के ऑपरेशनल कमांडर को मार गिराया
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सेना ने रविवार को पुलवामा के मंगलपुरा में रंगरेथ के पास आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के ऑपरेशनल कमांडर सैफ उल इस्लाम उर्फ डॉ सैफुल्ला को मौत के घाट उतार दिया। सैफुल्ला कश्मीर में सक्रिय सबसे पुराने आतंकवादियों में से एक था और उसने इस साल मई में पुलवामा के बेगपुरा में रियाज अहमद नाइकू की हत्या के बाद ही आतंकी संगठन की बागडोर संभाली थी।
पिछले वर्ष की तुलना में अधिक मारे गए आतंकी
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि साल 2019 में सेना में कुल 157 आतंकियों को मौत को घाट उतारा था, लेकिन इस बाद 10 महीने में ही 200 से अधिक आतंकी मारे गए हैं। इनमें 10 आतंकी जम्मू में और 190 से अधिक आतंकी कश्मीर में मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि नाइकू और सैफुल्ला के खात्मे को हिजबुल मुजाहिदीन के लिए विशेष रूप से आठ महीने से भी कम समय में एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
मुठभेड़ में सबसे ज्यादा हिजबुल मुजाहिद्दीन के 72 आतंकी मारे गए
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष मारे गए आतंकियों में हिजबुल मुजाहिद्दीन के सबसे ज्यादा 72, लश्कर-ए-तैयबा के 59, जैश-ए-मोहम्मद के 37 और अन्य आतंकी संगठनों के 32 आतंकवादियों को मार गिराया गया। उन्होंने बताया कि जून में सुरक्षा बलों ने एक महीने में सर्वाधिक 49 आतंकियों को मारा है। यह संख्या पिछली साल की तुलना में दोगुनी है। सर्वाधिक मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर में हुईं है और यहां कुल 138 आंतकवादी ढेर किए गए हैं।
ISI ने हिजबुल को सौंपी थी अशांति फैलाने की जिम्मेदारी
एक खुफिया इनपुट के तहत पता चला है कि पाकिस्तानी एजेंसी ISI और शीर्ष सैन्य नेतृत्व की बैठक के बाद हिजबुल को घाटी में अशांति पैदा करने और स्थानीय लोगों को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था। सेना ने इसका करारा जवाब दिया है।
घाटी में अभी भी सक्रिय हैं हिजबुल के कुछ सक्रिय आतंकी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में हिजबुल के पास कुछ अनुभवी आतंकवादी हैं जो सक्रिय हैं और उन्हें नए ऑपेशनल चीफ का नाम दिया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि नया सरगना भी दक्षिण कश्मीर से होगा। आठ महीनों में मारे गए नाइकू और सैफुल्लाह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले से थे। अब तक दक्षिण कश्मीर के चार जिलों कुलगाम, शोपियां, पुलवामा और अनंतनाग में अधिकांश आतंकवादी मारे गए हैं।
26 कमांडरों को उतारा जा चुका है मौत के घाट
सेना और पुलिस की मुस्तैदी के कारण कश्मीर में आतंकवाद की कमर टूट चुकी है। इस वर्ष सुरक्षाबलों ने कश्मीर के अलग-अलग जिलों में अभी तक विभिन्न आतंकी संगठनों के 26 टॉप कमांडरों को मौत के घाट उतारा है। ये आतंकी सुरक्षाबलों पर हमला करने के अलावा युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर लाने का काम कर रहे थे। इनके सहारे ही कश्मीर में आतंकवाद चल रहा था। इसमें सबसे बड़ी सफलता रियाज नाइकू के रूप में मिली थी।