कोरोना वायरस: महामारी के बीच बिहार में ड्यूटी से गायब मिले 362 डॉक्टर, होगी कार्रवाई
पूरा देश इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है। लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई है। अन्य राज्यों में जहां डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी पर अपनी जान पर खेलकर संक्रमितों की जान बचाने में जुटे हैं, वहीं बिहार में डॉक्टरों का दूसरा चेहरा सामने आया है। यहां जांच के दौरान 362 डॉक्टर ड्यूटी से नदारद मिले हैं। ऐसे में अब सरकार ने इन डॉक्टरों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का निर्णय किया है।
सभी डॉक्टरों को जारी किया कारण बताओ नोटिस
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कटिहार को छोड़कर शेष सभी 37 जिलों में तैनात डॉक्टरों में से 362 अपनी ड्यूटी पर नही पाए गए थे। ऐसे में सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टरों को सार्वजनिक विज्ञापन एवं पत्र लिखकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है। स्पष्टीकरण नहीं देने या वाजिब कारण नहीं होने पर उनके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
राज्य स्वास्थ्य समिति की जांच में मिले अनुपस्थित
राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से गत 31 मार्च से 12 अपैल के बीच सरकारी अस्पतालों में स्थाई व संविदा पर तैनात डॉक्टरों और स्वस्थ्यकर्मियों की उपस्थिति की जांच कराई गई थी। इसमें 362 डॉक्टर अनुपस्थित मिले थे।
नालंदा में सबसे अधिक डॉक्टर मिले अनुपस्थित
प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि जांच के दौरान नालंदा जिले में सबसे अधिक 31 डॉक्टर बिना पूर्व सूचना के ड्यूटी से गायब मिले थे। इसी तरह जहानाबाद में 27, पटना में 25, रोहतास में 24, भोजपुर और मुंगेर में 18-18 डॉक्टर अनुपस्थित मिले थे। इसके अलावा सारण में 12, बांका में 11 अरवल में सात, अररिया में तीन और औरंगाबाद में दो डॉक्टरों को बिना पूर्व सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित पाया गया था।
31 मई तक रद्द की गई मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां
राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले तथा प्रवासी श्रमिकों को देखते हुए सरकार ने प्रदेश में कोरोना ड्यूटी में लगे सभी डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों और पैरा मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां 31 मई तक रद्द कर दी हैं। प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि वर्तमान में देश के विभिन्न राज्यों से प्रवासी श्रमिक वापस बिहार लौट रहे हैं। ऐसे में राज्य में संक्रमण के मामले बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। इसको देखते हुए छुट्टियां रद्द की गई हैं।
IMA ने की निजी अस्पतालों को सील नहीं करने की मांग
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रतिनिधि मंडल ने डॉ विमल कारक के नेतृत्व में मंगलवार को प्रधान सचिव से मिलकर 60 वर्ष से अधिक आयु के डॉक्टरों को कोरोना ड्यूटी से राहत देने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि निजी अस्पताल में कोरोना का मरीज मिलता है तो उसे अनिश्चिकाल के लिए सील करने की बजाय उन्हें सरकारी अस्पताल की तरह सैनिटाइज करते हुए फिर से काम की अनुमति दी जानी चाहिए।
भारत और बिहार में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार भारत में बुधवार सुबह तक कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 49,391 पर पहुंच गई है। इनमें से 33,514 सक्रिय मामले हैं और 14,183 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अब तक 1,694 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी प्रकार बिहार में आठ नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 536 हो गई है और अब तक चार लोगों की मौत हुई है।