बिहार: पटना में फुटपाथ पर सो रहे बच्चों को कुचलने वाले युवक की मॉब लिंचिंग
बिहार की राजधानी पटना में फुटपाथ पर सोते 3 बच्चों पर गाड़ी चढ़ाने वाले व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। कुछ स्थानीय निवासियों का यह भी कहना है कि बिजली के एक खंभे से गाड़ी टकराने के बाद 30 वर्षीय सौरव गांगुली की मौत हुई है। ये घटना तब हुई है जब झारखंड मॉब लिंचिंग केस पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर संसद में बयान देना पड़ा।
बुधवार सुबह 2 बजे हुई घटना
बुधवार सुबह 2 बजे के करीब पटना के अगमकुआं इलाके में गांगुली की SUV गाड़ी ने फुटपाथ पर सो रहे बच्चों को कुचल दिया। इसके बाद जब उसने भागने की कोशिश की, तो स्थानीय लोगों ने उसका पीछा किया और पकड़ने के बाद पीट-पीट कर मार डाला। मॉब लिंचिंग के प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, SUV में दो व्यक्ति थे। गांगुली के साथ गाड़ी में मौजूद रहे मनीष कुमार को भी भीड़ ने पीटा और उसकी हालत गंभीर है।
सोते वक्त फुटपाथ से सड़क पर आ गए थे बच्चे
घटना में रोहित कुमार, हरेंद्र कुमार और राजू मांझी की मौत हो गई। तीनों की उम्र 11 से 13 साल के बीच में थी। 11 वर्षीय ललित मांझी को भी चोटें आईं हैं और उसका इलाज चल रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया कि पुलिस के पास मौजूद CCTV फुटेज में देखा जा सकता है कि तीनों बच्चों सोते वक्त फुटपाथ से सड़क पर आ गए थे।
पुलिस कर रही जांच, क्या नशे में था गांगुली
गांगुली नवादा के ईश्वर गांव का रहने वाला था और SUV नवादा में रजिस्टर्ड थी। पुलिस जांच कर रही है कि गांगुली SUV का मालिक था या नहीं और क्या घटना के वक्त उसने शराब पी रखी थी।
तेज रफ्तार SUV ने दुकान और बिजली के खंभे को पहुंचाया नुकसान
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि तेज रफ्तार SUV ने एक दुकान और बिजली के खंभे को नुकसान पहुंचाया। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि गांगुली को भीड़ ने नहीं मारा और उसकी गाड़ी के बिजली के खंभे से टकराने के कारण उसकी मौत हुई। पटना के अतिरिक्त SP बलिराम चौधरी ने बताया कि घटना में SUV बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। तीनों बच्चों और गांगुली के शव को परीक्षण के लिए भेजा गया है।
सुर्खियों में है झारखंड में मॉब लिंचिंग का मामला
ये घटना ऐसे समय पर हुई है, जब झारखंड में तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग का मामला सुर्खियों में हैं। मोटरसाइकिल चोरी के शक में भीड़ ने तबरेज को पेड़ से बांधकर घंटों पीटा था और उसे 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' बोलने को कहा था। पुलिस और डॉक्टर्स की लापरवाही के कारण तबरेज की 4 दिन बाद न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। चोरी के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद उसका उपचार नहीं किया गया था।
मोदी ने कहा, "घटना से आहत लेकिन पूरे झारखंड को दोष देना गलत"
घटना ने इतना तूल पकड़ा कि इसकी गूंज संसद में भी सुनाई दी। विपक्ष के आरोपों के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वह झारखंड मॉब लिंचिंग से आहत हुए हैं, लेकिन एक घटना के लिए पूरे राज्य को दोषी ठहराना गलत है।