चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर आइडिया चुराने का आरोप, पटना में दर्ज हुआ मामला
बिहार की राजनीति में अपने आइडिया से महागठबंधन को धमाकेदार जीत दिलाने के बाद चुनावी रणनीतिकार का दर्जा हासिल करने वाले प्रशांत किशोर विवादों में पड़ते नजर आ रहे हैं। दरअसल, बिहार के मोतिहारी निवासी एक व्यक्ति ने प्रशांत और एक अन्य के खिलाफ पटना थाने में आइडिया चुराकर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया है। इस मामले से प्रशांत की साल के अंत में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को झटका लग सकता है।
पुलिस ने इन धाराओं के तहत दर्ज किया मामला
पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर प्रशांत किशोर व ओसामा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी या जालसाजी) तथा 406 (विश्वास का आपराधिक हनन) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस तथ्यों के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
चुनाव अभियान के लिए आइडिया कॉपी करने का आरोप
मोतिहारी निवासी शाश्वत गौतम ने प्रशांत के खिलाफ रिपोर्ट दी है कि उन्होंने 'बिहार की बात' नाम से अपना एक प्रोजेक्ट बनाया था। इस प्रोजेक्ट को भविष्य में लॉन्च करने की योजना थी। इसी बीच किसी कारण से उनके यहां काम करने वाले ओसामा नाम के युवक ने इस्तीफा दे दिया। शाश्वत के अनुसार ओसामा ने वह पूरा कंटेंट प्रशांत को दे दिया और प्रशांत ने उस कंटेंट का उपयोग अपने अभियान 'बात बिहार की' में किया है।
कंटेंट को वेबसाइट पर डालने का आरोप
शिकायतकर्ता शाश्वत ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रशांत इस समय साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। वह अधिक से अधिक युवाओं को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने उनके प्रोजेक्ट के कंटेंट को कॉपी करते हुए अपने अभियान 'बात बिहार की' के लिए वेबसाइट पर डाल दिया। उन्होंने दावा किया है कि वेबसाइट को उनके कंटेंट के साथ जनवरी में ही पंजीकृत कराया गया था।
पोर्टल चलाने के पीछे यह है प्रशांत का उद्देश्य
पुलिस ने बताया कि प्रशांत ने फरवरी में ही 'बात बिहार की' नाम से अपना पोर्टल शुरू किया है। इसका उद्देश्य राज्य के अधिकतर युवाओं से जुड़कर आगामी 10-15 सालों में बिहार को विकसित करते हुए युवक-युवतियों को समान अवसर दिलाना है। इसके अलावा वह इसके जरिए बिहार को देश के 10 सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शामिल कराना चाहते हैं। हाल ही उन्होंने कहा भी था कि वह अब बिहार में बदलाव लाने के लिए काम करेंगे।
पेशे से इंजीनियर है शाश्वत गौतम
शिकायतकर्ता शाश्वत गौतम बिहार के पूर्वी चंपारण के चैता गांव के निवासी हैं। वह पेशे से इंजीनियर हैं और लंबे समय तक अमेरिका में भी रहे हैं। अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी स्थित जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में साल 2011 में गौतम का ग्लोबल लीडर्स फेलो के रूप में भी चयन किया था। उन्होंने वहां से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की थी। उन्होंने उस यूनिवर्सिटी में 2012 में छात्र संघ का चुनाव भी जीता था।
पहले कांग्रेस के लिए काम करते थे शाश्वत
बता दें कि शाश्वत ने पहले कांग्रेस के लिए काम किया था, लेकिन बाद में वह उससे अलग हो गए थे। उसके बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव लड़ने वाले ओसामा के साथ लोगों से जुड़ने का काम शुरू किया था।
प्रशांत किशोर को 2015 के बिहार चुनाव के बाद मिला था कैबिनेट मंत्री का दर्जा
प्रशांत ने बिहार के 2015 चुनाव में महागठबंधन (RJD+JDU+कांग्रेस) के प्रचार की जिम्मेदारी संभाली थी। इसमें भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। नीतीश कुमार के बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रशांत को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला था। इसके बाद नीतीश ने 2017 में RJD-कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना ली थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए काम करने वाले प्रशांत को हाल ही में JDU से निकाल दिया गया था।