मध्य प्रदेश: 1,219 सैंपलों में सबसे अधिक 318 डेल्टा वेरिएंट के, डेल्टा प्लस के छह मामले
मध्य प्रदेश में जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 1,200 से अधिक सैंपलों में से 380 में कोरोना वायरस के वेरिएंट्स पाए गए हैं। इनमें सबसे अधिक मामले डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) के हैं, वहीं पहली बार यूनाइटेड किंगडम (UK) में पाया गया अल्फा वेरिएंट (B.1.1.7) दूसरे नंबर पर रहा है। राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट (B.1.617.2.1) के मामले भी पाए गए हैं और वह देश के उन तीन राज्यों में शामिल है जहां डेल्टा प्लस के मामले सामने आए हैं।
1,219 सैंपलों में से 318 डेल्टा वेरिएंट के
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश नवंबर, 2020 के बाद से 2,025 सैंपलों को नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (NCDC) के पास जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज चुका है। इनमें से 1,219 के नतीजे आ चुके हैं और नतीजों में सबसे अधिक 318 मामले डेल्टा वेरिएंट के मिले हैं जिसे भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। अल्फा वेरिएंट के 56 और डेल्टा प्लस वेरिएंट के छह मामले सामने आए हैं।
राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण दो मौतें
राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के जो छह मामले सामने आए हैं, उनमें से दो-दो भोपाल और उज्जैन में और एक-एक अशोक नगर और रायसेन में सामने आए हैं। उज्जैन में एक महिला और अशोक नगर में एक शख्स की तो डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने कहा कि उज्जैन की मौत को डेल्टा प्लस वेरिएंट से जोड़ा जा रहा है, हालांकि अशोक नगर की मौत की आधिकारिक घोषणा बाकी है।
डेल्टा प्लस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है वैक्सीन- अधिकारी
अधिकारियों के अनुसार, डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण जान गंवानी वाली उज्जैन की महिला ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। उसका पति जिसने वैक्सीन लगवाई हुई थी, उस पर वेरिएंट का कोई असर नहीं हुआ। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, "जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, वे वेरिएंट के खिलाफ प्रतिरोध दिखा रहे हैं। वैक्सीनेशन इसके खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।" महिला के अलावा बाकी सभी संक्रमितों ने वैक्सीन लगवाई थी और वे होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गए।
तेज की गई कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, हर 15 दिन में 150 जिनोम सीक्वेंसिंग
डेल्टा प्लस वेरिएंट को अधिक फैलने से रोकने के लिए अधिकारी जो लोग इस वेरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं, उनके संपर्क में आए लोगों की विस्तृत कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं। इसके अलावा भारत सरकार की गाइडलाइंस के तहत हर 15 दिन में 150 सैंपलों को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है। ये सैंपल 25 जिलों और नौ सरकारी मेडिकल कॉलेजों से इकट्ठे किए जा रहे हैं और सभी RT-PCR पॉजिटिव सैंपल हैं।
मध्य प्रदेश में क्या है कोरोना वायरस महामारी की स्थिति?
मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 84 नए मामले सामने आए और 21 लोगों की मौत हुई। इसी के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 7,89,499 हो गई है जिनमें से 8,827 को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। राज्य सरकार पर कोरोना से हुई मौतों को छिपाने का आरोप भी लगा है और एक अनुमान में राज्य में मई के महीने में सामान्य से एक लाख अधिक मौतों का दावा किया गया है।