देश की आबादी के बड़े हिस्से को वैक्सीन लगने के बाद खोले जाएंगे स्कूल- सरकार
देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप थमता जा रहा है। इसके साथ ही राज्यों ने लॉकडाउन में ढील देते हुए व्यापारिक गतिविधियों को फिर से बहाल करना शुरू कर दिया है। इसी तरह तेलंगाना ने एक जुलाई से स्कूलों को खोलने का निर्णय किया है। इसी बीच केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब देश आबादी के बड़े हिस्से को वैक्सीन नहीं लगा दी जाती है तब तक स्कूलों को दोबारा से नहीं खोला जाएगा।
स्कूलों में तेजी से फैल सकता है संक्रमण- डॉ पॉल
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा, "स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों को एक साथ बैठने की आवश्यकता होती है। यही स्थिति वायरस को प्रसार का मौका देती है। हम स्कूलों को दोबारा उस स्थिति में ही खोलेंगे, जब आबादी का एक बड़ा हिस्सा वैक्सीन लेकर सुरक्षित जाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "देश में जब तक वायरस का के प्रसार को नियंत्रित नहीं किया जाता, तब तक स्कूलों को खोलना बहुत अधिक मुश्किल है।"
"वर्तमान में स्कूलों को खोलने से बढ़ सकते हैं मामले"
दूसरे लहर का प्रसार कम होने को देखते हुए तेलंगाना सरकार ने एक जुलाई से स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय किया है। इस पर डॉ पॉल ने कहा, "देश में प्रतिदिन सामने आने वाले मामलों में गिरावट को देखते हुए स्कूलों को फिर से खोलने के गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। अभी वायरस का प्रसार लॉकडाउन के कारण रुका हुआ है। लॉकडाउन हटाए जाने के बाद मामलों में फिर से तेजी से इजाफा हो सकता है।
दिल्ली और केरल सरकार ने किया ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने का निर्णय
एक तरफ जहां तेलंगाना सरकार ने जुलाई में स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय किया है, वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और केरल सरकार ने स्थिति सामान्य होने तक स्कूलों और कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं ही जारी रखने का निर्णय किया है।
स्कूलों को खोलने पर सक्रिय रूप से किया जाएगा विचार- डॉ पॉल
डॉ पॉल ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों को दोबारा से खोलने के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जाएगा, लेकिन इस पर पूरा फोकस सतर्कता से निर्णय करने पर ही होगा। बता दें कि पॉल ने पिछले सप्ताह भी कहा था कि स्कूलों को खोलने पर बहुत सी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। इसमें शिक्षकों का वैक्सीनेशन और सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग प्रमुख है।
महाराष्ट्र में 8,000 बच्चों के संक्रमित मिलने से बढ़ी सरकार की चिंता
डॉ पॉल ने कहा कि बच्चों पर महामारी के असर को देखने के लिए अगले में सीरो सर्वे आयोजित किया जाएगा। उसमें छह साल से अधिक उम्र के 14,000 बच्चों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले महीने महाराष्ट्र के अहमदनगर में 8,000 बच्चों और किशोरों के कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद सरकार की चिंता बढ़ गई थी। ऐसे में सरकार ने सीरो सर्वे कराने कराकर स्थिति का पता लगाने का निर्णय किया है।
भारत में सामने आए डेल्टा प्लस वेरिएंट के 22 मामले- भूषण
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि डेल्टा प्लस वेरियंट अभी 9 देशों में हैं। इनमें यूनाइटेड किंगडम (UK), अमेरिका, जापान, रूस, भारत, पुर्तगाल, स्विटरजरलैंड, नेपाल और चीन शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत में डेल्टा प्लस के अब तक 22 मामले सामने आए हैं और अभी इसे 'वेरियंट ऑफ इंटरेस्ट' की श्रेणी में रखा गया है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले अब तक केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में ही पाए गए हैं।
राज्यों को पत्र लिखकर दिए गए हैं सुझाव- भूषण
स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा कि राज्यों को पत्र लिखकर डेल्टा प्लस वेरियंट को नियंत्रति करने के सुझाव दिए गए हैं। सरकार नहीं चाहती कि डेल्टा प्लस वेरियंट आगे बढ़े और लोगों को संक्रमित करें। उन्होंने आगे कहा कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों ही वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट पर असरदार हैं। इसी तरह रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V के इस वेरिएंट पर प्रभाव की जांच की जा रही है। ऐसे में लोगों को वैक्सीन लगवाकर खुद को सुरक्षित करना चाहिए।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 42,640 नए मामले सामने आए और 1,167 मरीजों की मौत हुई। ये पिछले तीन महीने यानि 23 मार्च के बाद देश में सामने आए सबसे कम दैनिक मामले हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,99,77,861 हो गई है। इनमें से 3,89,302 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 6,62,521 रह गई है।