देश के तीन राज्यों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले, इम्युनिटी को चकमा देने की आशंका
क्या है खबर?
बेहद खतरनाक माना जा रहा कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत के तीन राज्यों में फैल रहा है और जिनोम सीक्वेंसिंग में महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में इस वेरिएंट के मामले मिले हैं।
हालांकि इनका अनुपात अभी कम है, लेकिन विशेषज्ञों ने इस वेरिएंट पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि ये संक्रमण और वैक्सीन दोनों से पैदा हुई इम्युनिटी को मात देने में कामयाब हो सकता है।
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महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 21 मामले
महाराष्ट्र में लगभग 7,500 सैंपलों की जिनोम सीक्वेंसिंग के बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट के 21 मामले सामने आए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि इनमें से नौ मामले रत्नागिरी में, सात मामले जलगांव में, दो मामले मुंबई में और एक-एक मामला सिंधुदुर्ग, ठाणे और पालघर जिलों में सामने आया है।
टोपे ने कहा कि नए वेरिएंट्स पर निगरानी रखने के लिए राज्य के हर जिले के 100 सैंपलों की जिनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है।
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केरल में अब तक तीन मामले
केरल दूसरा ऐसा राज्य है जहां डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। राज्य के पलक्कड़ और पठानमथिट्टा जिलों में इस वेरिएंट के मामले मिले हैं।
पलक्कड़ में दो और पठानमथिट्टा में एक शख्स को संक्रमित पाया गया है। पठानमथिट्टा के जिलाधिकारी डॉ नरसिम्हुगरी टीएल रेड्डी के अनुसार, जिले में एक चार साल के बच्चे को डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है। जिनोम सीक्वेसिंग के दौरान उसके सैंपल में यह वेरिएंट पाया गया।
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मध्य प्रदेश में भी सामने आए डेल्टा प्लस के मामले
मध्य प्रदेश तीसरा ऐसा राज्य है जहां डेल्टा प्लस के मामले सामने आए हैं। भारत में इस वेरिएंट का पहला मामला भी भोपाल की रहने वाली एक 65 वर्षीय महिला में पाया गया था।
इस महिला को वैक्सीन की दोनों खुराकें लग चुकी थीं और वह होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गई।
इसके अलावा राज्य के शिवपुरी जिले में भी कम से कम चार युवाओं को डेल्टा प्लस से संक्रमित पाया गया और इन चारों की मौत हो गई।
डेल्टा प्लस
क्या है 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट?
सबसे पहले भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) में अब एक और म्यूटेशन हुआ है। इस म्यूटेशन के साथ इसे 'डेल्टा प्लस' या 'AY.1' वेरिएंट के नाम से जाना जा रहा है।
डेल्टा वेरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में K417N म्यूटेशन होने के बाद यह डेल्टा प्लस वेरिएंट बना है। यह वेरिएंट अभी तक भारत समेत 10 देशों में पाया जा चुका है।
यह एंटीबॉडी कॉकटेल से मिली सुरक्षा को चकमा देने में भी कामयाब हो रहा है।
चिंता
इम्युनिटी को मात देने में कामयाब हो सकता है डेल्टा प्लस- विशेषज्ञ
डेल्टा प्लस वेरिएंट पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट्स में शामिल प्रोफेसर शाहिद जमील ने कहा कि ये वेरिएंट वैक्सीन और संक्रमण दोनों तरह की इम्युनिटी को मात देने में कामयाब हो सकता है।
उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, "डेल्टा प्लस वेरिएंट में K417N म्यूटेशन है जो दक्षिण अफ्रीका में मिले बीटा वेरिएंट में भी था। ये स्थापित है कि बीटा वेरिएंट अल्फा और डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले वैक्सीनों को चकमा देने में ज्यादा कामयाब रहता है।"
बयान
डेल्टा प्लस के अधिक संक्रामक होने के सबूत नहीं- प्रोफेसर
प्रोफेसर जमील ने यह भी साफ किया कि अभी तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के अधिक संक्रामक होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पास इसे 'चिंतनीय वेरिएंट' घोषित करने लायक मामले भी नहीं हैं। 25,000 सीक्वेंस में 20 मामले कुछ नहीं हैं।"