कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवारों को नहीं दे सकते चार लाख का मुआवजा- केंद्र
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि देश में कोरोना से जान गंवाने वाले मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता। आपदा प्रबंधन कानून के तहत भूकंप और बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं में मरने वाले लोगों के परिजनों को ही अनिवार्य मुआवजा दिया जाता है। कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र ने कहा कि एक बीमारी के लिए मुआवजा देना और दूसरी के लिए नहीं देना अनुचित होगा।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत कोरोना महामारी से जान गंवाने वाले लोगों को मुआवजा देने की मांग की गई है। इस पर कोर्ट ने नोटिस भेजकर केंद्र से जवाब मांगा था। केंद्र ने मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि कोरोना के कारण जान गंवाने वाले लोगों को मुआवजा देना राज्यों के वित्तीय सामर्थ्य से बाहर है। सोमवार को इस मामले में अगली सुनवाई होगी।
गंभीर वित्तीय दबाव में हैं राज्य सरकारें- केंद्र
केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण केंद्र और राज्य की सरकारें पहले ही कर राजस्व में कमी और स्वास्थ्य पर बढ़ रहे खर्च के कारण गंभीर वित्तीय दबाव में है। अगर आपदा राहत प्रबंधन फंड को मुआवजे के तौर पर बांट दिया जाता है तो राज्यों के लिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई मुश्किल हो जाएगी और यह स्वास्थ्य खर्च को प्रभावित कर सकता है। केंद्र ने कहा कि यह फायदा करने की जगह नुकसान कर सकता है।
सरकार ने कहा- नीतिगत फैसले कार्यपालिका पर छोड़े जाएं
हलफनामे में सरकार की तरफ से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिए गए फैसले कहते हैं कि नीतिगत मामलों की जिम्मेदारी कार्यपालिका पर छोड़ी जानी चाहिए और अदालतें इन मामलों में सरकार की तरफ से फैसला नहीं ले सकती। सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि 2019-20 में केंद्र की तरफ से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी के कंटेनमेंट और नियंत्रण के लिए 1,113.2 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।
कोरोना संक्रमितों के मृत्यु प्रमाण पत्र पर क्या नीति?
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर भी सवाल पूछा और इन्हें जारी करने के लिए बनाए गए दिशानिर्देशों की जानकारी भी मांगी थी। इस पर सरकार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोरोना से हुई मौत को प्रमाणित किया जाएगा। अगर कोई डॉक्टर ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं।
देश में कोरोना से हो चुकी हैं 3.86 लाख मौेतें
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 58,419 नए मामले सामने आए और 1,576 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,98,81,965 हो गई है। इनमें से 3,86,713 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 7,29,243 रह गई है। देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना मामलों में गिरावट देखी जा रही है और हालात सुधर रहे हैं।