उमा भारती की जेपी नड्डा से मांग- सभी भाजपा शासित राज्यों में की जाए शराबबंदी
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने सभी भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी की मांग की है।
इसे लेकर उन्होंने गुरुवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए। इन ट्वीट्स में भारती ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पार्टी द्वारा शासित सभी राज्यों में शराब की बिक्री रोकने की मांग की है।
इसमें उन्होंने बिहार में भाजपा की जीत के पीछे भी शराबबंदी के फैसले को वजह बताया है।
मामला
मध्य प्रदेश में शराब की दुकानें बढ़ाने पर विवाद
दरअसल, मध्य प्रदेश में आबकारी आयुक्त ने गुरुवार को सभी जिला कलेक्टरों से शराब की दुकानों में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव मांगे हैं।
उन्होंने कलेक्टरों को अनिवार्य रूप से गांवों में शराब की दुकानें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजने को कहा है।
राज्य के गृह मंत्री भी शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने की बात कर चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि अभी इस बारे में विचार नहीं किया जा रहा है।
ट्वीट
लॉकडाउन में शराब न पीने के कारण कोई नहीं मरा- भारती
उमा भारती ने अपने शुरुआती ट्वीट में लिखा कि मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह बयान स्वाग्तयोग्य है।
अगले ट्वीट में भारती ने लिखा कि लॉकडाउन में शराबबंदी की स्थिति रही। इससे यह बात स्पष्ट हो गई है कि कोरोना और दूसरे कारणों से लोगों की भले ही मौत हुई, लेकिन शराब न पीने से कोई नहीं मरा।
ट्वीट
शराब माफिया के दबाव में नहीं होती शराबबंदी- भारती
भारती ने लिखा कि अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं के पीछे शराब ही होती है, फिर भी राजस्व के लालच और शराब माफिया का दबाव राज्यों में शराबबंदी नहीं होने देता।
अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अगर देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है।
भारती ने ट्वीट में जेपी नड्डा को टैग करते हुए उनसे भाजपा शासित राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की तैयारी करने की अपील की है।
दावा
शराबबंदी के कारण बिहार में भाजपा की जीत- भारती
उमा भारती ने लिखा कि राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने का दबाव रहता है बिहार की भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार को दिए थे।
शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है। इससे राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है, किंतु शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं भयावह हैं।
जानकारी
भारती ने कहा- शराबबंदी पर बहस शुरू होने की जरूरत
शराबबंदी पर बहस की शुरुआत की मांग करते हुए उमा भारती ने लिखा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हजारों करोड़ रूपये खर्च होते हैं। समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए शराबबंदी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पर बहस शुरू होनी चाहिए।
शराबबंदी
इन राज्यों में है पूर्ण शराबबंदी
भारत में गुजरात, बिहार, मिजोरम और नागालैंड चार ऐसे राज्य हैं, जहां पूर्ण रूप से शराबबंदी है।
बिहार में 2016 में शराबबंदी लागू की गई थी। हालांकि, यहां इसके कामयाब होने पर कई विवाद हैं। कई बार अवैध रूप से बेची जा रही शराब पकड़ी जाती है।
हरियाणा में भी 1996 में शराबबंदी की गई थी, लेकिन दो साल यह हटा ली गई। इसी तरह 1994 में आंध्र प्रदेश में शराबबंदी की गई, जो महज 16 महीने चली।