रंजीत सिंह हत्याकांड: CBI कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को सुनाई उम्रकैद की सजा
पंचकुला स्थित CBI की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित पांच दोषियों को अपने शिष्य रंजीत सिंह की हत्या के मामले में सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। रंजीत सिंह डेरा के पूर्व प्रबंधक थे और 2002 में उनकी हत्या की गई थी। कोर्ट ने गत 8 अक्टूबर को पांचों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 301 और 120B के तहत दोषी करार दिया गया था। यहां पढ़े मामले की विस्तृत खबर।
कब हुई थी रंजीत सिंह की हत्या?
साध्वी के साथ रेप के आरोप सामने आने के बाद रंजीत सिंह और गुरमीत राम रहीम के बीच विवाद बढ़ गया था। इसके बाद 10 जुलाई, 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियान गांव में रंजीत सिंह के खेतों के पास गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट सिंह के परिवार ने हाई कोर्ट में CBI जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। CBI ने दिसंबर, 2003 में जांच शुरू की थी।
कोर्ट ने राम रहीम पर लगाया 31 लाख रुपये का जुर्माना
CBI की विशेष कोर्ट ने राम रहीम के साथ मामले के अन्य आरोपी जसबीर सिंह, सबदिल सिंह, कृष्ण लाल और अवतार सिंह को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा अन्य आरोपी इंदर सेन की पिछले साल सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। कोर्ट ने डेरा प्रमुख पर 31 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसी तरह सबदिल पर 1.5 लाख, कृष्ण और जसबीर पर सवा लाख और अवतार सिहं पर 75,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई राम रहीम के पेशी
वर्तमान में हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम को सजा के समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया था। जबकि, चार अन्य आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। पुलिस ने पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए आज की सुनवाई से पहले पंचकूला जिला अदालत परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। इसके अलावा पूरे पंचकुला में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए धारा-144 भी लागू की गई थी।
दूसरी अदालत में सुनवाई चाहता था राम रहीम
इसी सप्ताह गुरमीत राम रहीम ने पंजाब और हरियाणा कोर्ट में याचिका दायर कर हत्या के मुकदमे को पंचकुला की विशेष CBI अदालत से किसी अन्य CBI अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
पत्रकार हत्याकांड मामले में हुई थी उम्रकैद
अपनी दो महिला शिष्याओं के साथ बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी उम्रकैद की सजा हुई है। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की साल 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वे लगातार अपने अखबार 'पूरा सच' में डेरा सच्चा सौदा से जुड़े सच दुनिया के सामने लाते रहते थे।
पूरा सच' ने खोली थी डेरा प्रमुख की पोल
रामचंद्र छत्रपति 'पूरा सच' अखबार चलाते थे। उन्होंने ही सबसे पहले दो साध्वियों के साथ रेप की खबर को अपने अखबार में छापा था। यह खबर प्रकाशित होने के बाद से ही छत्रपति को धमकियां मिलनी शुरू हो गई थी। इस अखबार में छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट सिरसा के डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज को इसकी जांच कराने का आदेश दिया था। आगे चलकर इसी मामले में राम रहीम को 20 साल की जेल हुई।