'किसान संसद' पहुंचे राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता, कृषि कानूनों का किया विरोध
क्या है खबर?
तीन कृषि कानूनों के विरोध में 'किसान संसद' चला रहे प्रदर्शनकारियों को विपक्षी नेताओं का साथ मिल गया है।
शुक्रवार को राहुल गांधी समेत विपक्षी पार्टियों के कई नेता जंतर मंतर पर पहुंचे और किसानों को समर्थन दिया।
ये सभी नेता करीब 12:30 बजे रकबगंज गुरुद्वारा से बस में सवार होकर जंतर मंतर के लिए निकले थे।
तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेता विपक्षी नेताओं के साथ जंतर मंतर नहीं आए हैं।
किसान आंदोलन
शुक्रवार सुबह बनी रणनीति
शुक्रवार सुबह 14 विपक्षी पार्टियों के नेताओं से संसद भवन में बैठक की और किसानों के समर्थन में जंतर मंतर जाने का ऐलान किया। राहुल गांधी भी इस बैठक में शामिल हुए थे।
बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि विपक्षी नेता जंतर मंतर पर जाकर किसानों का समर्थन करेंगे।
बैठक में कांग्रेस, DMK, NCP, शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी और वाम दलों आदि के नेताओं ने हिस्सा लिया था।
ट्विटर पोस्ट
कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विपक्षी नेता
#WATCH | Congress leader Rahul Gandhi and other Opposition leaders reach Jantar Mantar, Delhi to extend support to farmers in their protest against farm laws by raising slogans with a placard 'Save Farmers, Save India' pic.twitter.com/VMyi4ShlYo
— ANI (@ANI) August 6, 2021
जानकारी
'किसान संसद' ने सरकार के खिलाफ पारित किया 'अविश्वास प्रस्ताव'
जंतर मंतर पर पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां 'काले कानूनों' के खिलाफ यहां आई हैं। विपक्ष पेगासस पर चर्चा चाहता है, लेकिन सरकार इससे बच रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने हर भारतीय का फोन इंटरसेप्ट किया है।
विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में किसानों ने आज 'किसान संसद' में मोदी सरकार के खिलाफ 'अविश्वास प्रस्ताव' पारित किया। किसानों का कहना है कि मोदी सरकार किसान आंदोलन के मोर्चे पर असफल रही है।
कृषि कानून
बीते महीने ट्रैक्टर लेकर संसद पहुंचे थे राहुल गांधी
राहुल गांधी बीते महीने कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे थे।
राहुल के साथ ट्रैक्टर पर कांग्रेस के अन्य नेता भी बैठे हुए थे और इस पर कृषि कानूनों को वापस लेने के बैनर लगे हुए थे।
मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा कि वे किसानों का संदेश संसद लेकर आए हैं और कृषि कानूनों को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
किसान आंदोलन
जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' संचालित कर रहे आंदोलनकारी
अभी किसान मानसून सत्र के साथ-साथ जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' चला रहे हैं। इसमें रोजाना 200 किसान शामिल होते हैं और किसानों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
बता दें कि 19 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा और किसानों कोे भी 13 अगस्त तक प्रदर्शन की अनुमति है।
पहले किसान संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली।
कृषि कानून
किसानों के विरोध का कारण क्या है?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन कानून लाई थी।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।