CBSE के बाद हरियाणा समेत इन राज्यों ने भी निरस्त कीं 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के कारण केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार शाम को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12वीं बोर्ड परीक्षा निरस्त करने के बाद अब हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार ने भी राज्य बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं निरस्त करने का फैसला किया है।
इससे तीनों राज्यों में परीक्षा को लेकर लंबे समय से असमंजस में चल रहे विद्यार्थी और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
हरियाणा
हम केंद्र द्वारा लिए गए फैसले के साथ हैं- पाल
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने परीक्षा निरस्त किए जाने के फैसले पर कहा, "हमने राज्य में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं निरस्त करने का निर्णय लिया है। हम पूरी तरह से परीक्षा को लेकर केंद्र द्वारा लिए गए फैसले के साथ हैं।"
उन्होंने कहा आगे कहा, "राज्य बोर्ड सभी आवश्यक कदम उठाएगा और अंकन योजना और परिणाम के बारे में नए नियम बनाकर जल्द ही उनकी जानकारी साझा की जाएगी।"
परीक्षा
हरियाणा में 20 अप्रैल से होनी थी 12वीं की परीक्षा
बता दें कि प्रदेश में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं 20 अप्रैल से और 10वीं की 22 अप्रैल से शुरू किया जाना प्रस्तावित था। परीक्षा में प्रदेशभर में कुल 2,544 परीक्षा केन्द्रों पर करीब 6,67,234 परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल होने थे।
हरियाणा बोर्ड ने 10वीं की परीक्षाएं पहले ही रद्द कर दी थीं, लेकिन CBSE परीक्षा रद्द होने के बाद बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षाएं निरस्त करने का फैसला किया है।
गुजरात
गुजरात सरकार ने भी निरस्त की 12वीं बोर्ड की परीक्षा
गुजरात सरकार ने भी बुधवार को कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए राज्य बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं को निरस्त करने का फैसला किया है।
गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडास्मा ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में परीक्षा पर चर्चा की गई थी। इसमें महामारी के दौर में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सर्वसम्मति से परीक्षा निरस्त करने का निर्णय किया गया है। पहले सरकार ने 1 जुलाई से परीक्षा कराने का निर्णय किया था।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश सरकार ने भी किया परीक्षा निरस्त करने का ऐलान
हरियाणा और गुजरात के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी राज्य बोर्ड की 12वीं की परीक्षा निरस्त करने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी से बिगड़े हालातों को देखते हुए 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं नहीं कराने का निर्णय किया गया है। इससे बच्चों और अभिभावकों को राहत मिलेगी।
बता दें कि इससे पहले शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि अधिकांश परिजन बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में हैं।
CISCE
CISCE ने भी रद्द की 12वीं की परीक्षा
CBSE के बाद काउंसिल फॉर द इंडियन सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने भी अपनी 12वीं कक्षा (ICSE) की परीक्षा रद्द कर दी है।
CISCE ने कहा कि परिणाम एक प्रणाली के आधार पर तैयार किया जाएगा जिसमें स्कूलों द्वारा आयोजित आंतरिक परीक्षाओं को भी शामिल किया जाएगा। स्कूलों को इस संबंध में सूचित कर दिया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले CISCE ने 10वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी थी। इसका परिणाम इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा।
जानकारी
असंतुष्ट विद्यार्थियों को मिलेगा लिखित परीक्षा का मौका-CISCE
CISCE ने कहा कि यदि कुछ विद्यार्थी परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे तो उन्हें कोरोना महामारी के बाद अनुकूल माहौल होने के बाद लिखित परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। इसके आधार पर वह अपनी शंकाओं को दूर कर सकेंगे।
CBSE
केंद्र सरकार ने मंगलवार को किया था CBSE की 12वीं परीक्षा निरस्त करने का ऐलान
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12वीं बोर्ड की परीक्षा को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में विशेष बैठक आयोजित की गई थी। इसमें सभी विकल्पों पर विचार करने के बाद परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय किया गया था।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य और सुरक्षा सर्वोपरि है और इससे बिल्कुल भी समझौता नहीं किया जा सकता है। ऐसे में परीक्षा निरस्त करने का निर्णय किया गया है।