पंजाब: कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा, कहा- अपमानित महसूस कर रहा हूं
पंजाब में हाल में कांग्रेस आलाकमान की ओर से प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किए गए नवजोत सिंह सिद्धू के साथ जारी राजनीतिक खींचतान के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अमरिंदर सिंह ठीक 04:30 बजे राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बनवारी पुरोहित से मुलाकात की और फिर अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने अपने साथ पूरी मंत्रिपरिषद का भी इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा है। अब कांग्रेस को नए मुख्यमंत्री के अलावा पूरी कैबिनेट का चुनवा करना होगा।
पंजाब कांग्रेस में लंबे समय से चल रही थी खींचतान
बता दें पंजाब में पिछले काफी समय से अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव चल रहा थी और पार्टी दो खेमों में बंटी हुई थी। सिंह ने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बनाने का विरोध किया था तो सिद्धू समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रहे थे। इसी महीने दोनों खेमों के नेताओं से मुलाकात करने के बाद पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है।
40 से अधिक विधायकों ने की थी अमरिंद सिंह को हटाने की मांग
सूत्रों की माने तो पंजाब कांग्रेस के 80 में से 40 से अधिक विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग की थी। इसके बाद हरीश रावत ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। देर रात रावत ने ट्वीट कर जानकारी दी कि शनिवार शाम 5 बजे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में बैठक होगी। उन्होंने सभी विधायकों से बैठक में शामिल होने की अपील थी।
कांग्रेस आलाकमान ने मांग लिया था इस्तीफा
कांग्रेस आलाकमान ने बैठक बुलाने के बाद सुबह अमरिंदर सिंह से इस्तीफा देने को कहा था। उसके बाद से उनके इस्तीफा देने की चर्चा ने जोर पकड़ लिया था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात कहा था कि ऐसी शर्मिंदगी के बीच वो कांग्रेस में नहीं बने रह सकते। उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। यही वजह रही कि वह बैठक में भी शामिल होने नहीं गए थे।
अमरिंदर सिंह ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा
दिनभर जारी खींचतान के बीच अमरिंदर सिंह ने शाम को राज्यपाल से पुरोहित से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, "मैंने सुबह ही फैसला कर लिया था और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी बता दिया था। मेरे साथ दो महीने में यह तीसरी बार हो रहा है, जब विधायकों की बैठक मुझे बिना बताए हो रही है। मैं यहां अपमानित महसूस कर रहा हूं। अब उन्हें जिस पर भरोसा होगा उसे मुख्यमंत्री बना लेंगे।"
"लगता है पार्टी को मुझ पर संदेह है"
अमरिंदर ने कहा, "लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इनसे लग रहा था कि पार्टी को मुझ पर संदेह है कि मैं सरकार नहीं चला पा रहा हूं। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब पार्टी अपने भरोसेमंद को चुन सकती है।"
भविष्य की राजनीति के लिए खुले हैं विकल्प- सिंह
भविष्य की राजनीति को लेकर पूछे गए सवाल पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस पर विकल्प खुला है और मैं जल्दी ही इस पर अपना फैसला लूंगा। मैं अपने लोगों से बात करने के बाद अपने भविष्य को लेकर फैसला लूंगा। अभी मैं कांग्रेस पार्टी में हूं। अपने साथियों से बात करने के बाद ही भविष्य पर फैसला लूंगा। हालांकि, इस दौरान उन्होंने भाजपा में शामिल होने अटकलों पर पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
यहां देखें अमरिंदर सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो
सिंह ने इस्तीफा देने से पहले करीबी विधायकों के साथ की बैठक
अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा देने से पहले अपने करीबी विधायक प्रताप सिंह बाजवा, गुरप्रीत औजला समेत अन्य सांसदों और समर्थक विधायकों के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने सोनिया गांधी सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से भी बातचीत करने और उनके रवैये के बारे में भी बताया। इसके बाद उन्होंने सभी समर्थकों के साथ इस्तीफा देने का निर्णय कर लिया। बैठक से निकले के बाद सिंह सीधे राजभवन पहुंच गए और अपना इस्तीफा सौंप दिया।
डूबने से पहले हिचकोले खाता है जहाज- विज
इस मामले पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने अंबाला में कहा जहाज जब डूबने वाला होता है तो हिचकोले खाने लगता है। पंजाब कांग्रेस उसी प्रकार ने हिचकोले खा रही है। यही कारण है कि वर्तमान में इनका आपसी टकराव हो रहा है।