हरियाणा: टोहाना में किसानों की गिरफ्तारी के खिलाफ धरने पर बैठे राकेश टिकैत समेत कई नेता
हरियाणा के टोहाना में राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव जैसे किसान नेता अपने साथियों की गिरफ्तारी के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं। शनिवार को शुरू हुआ ये धरना आज भी जारी है और उन्होंने गिरफ्तार किसानों की रिहाई के साथ-साथ उनके खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामले वापस लेने की मांग भी रखी है। उन्होंने कहा है कि पुलिस उनके साथियों को रिहा करें, नहीं तो उन्हें भी गिरफ्तार कर ले।
विधायक का घर घेरने के लिए गिरफ्तार हुए थे किसान नेता
बुधवार को फतेहाबाद जिले स्थित टोहाना में कुछ किसानों ने सरकार में शामिल जननायक जनता पार्टी (JJP) के विधायक देवेंद्र सिंह बबली के घर को घेर लिया था। पुलिस ने विधायक की शिकायत के आधार पर उसी रात मामले में विकास सिसार और रवि आजाद नामक दो किसान नेताओं को गिरफ्तार किया। ये दोनों किसान नेता तभी से जेल में बंद हैं और जेल के बाहर उन्हें रिहा करने की मुहिम चलाई जा रही है।
शनिवार से थाने के बाहर धरना दे रहे हैं किसान नेता
इसी मुहिम के तहत राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव किसानों के एक बड़े समूह के साथ शनिवार को टोहाना पुलिस स्टेशन के सामने धरने पर बैठ गए और गिरफ्तार किसानों की रिहाई की मांग की। शनिवार को ही विधायक ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ मंगलवार को गाली-गलौज करने के लिए माफी मांग ली और अपने केस वापस लेने का फैसला लिया। हालांकि इसके बावजूद किसानों को रिहा नहीं किया गया।
प्रशासन ने मामले वापस लेने से किया इनकार- टिकैत
विधायक की क्षमा याचना स्वीकार करते हुए टिकैत ने कहा, "विधायक ने किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है और उन्होंने अपने बयानों पर भी माफी मांगी है। इसलिए अभी के लिए मामला खत्म हो गया है। लेकिन कल हमने प्रशासन से जेल भेजे गए हमारे साथी किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस लेने को कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हम आज फिर से बात करेंगे।"
टिकैत ने कहा- हमें भी गिरफ्तार करो
टिकैत ने कहा कि ये धरना तब तक जारी रहेगा जब तक उनके साथी किसानों को रिहा नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि अगर पुलिस उनके साथियों को रिहा नहीं कर सकती तो उन्हें भी गिरफ्तार कर ले। बता दें कि इस मामले में पुलिस खुद एक शिकायतकर्ता है। अधिकारियों ने कहा है कि वे मामले में कोई भी कार्रवाई करने से पहले कानूनी सलाह जरूर लेंगे।
फिर से तेज होने लगा है किसान आंदोलन
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के कारण किसान आंदोलन कुछ दिन कमजोर हुआ था, लेकिन अब इसमें एक बार फिर से तेजी आने लगी है। हाल ही में हरियाणा और पंजाब से हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पहुंचे थे और यहां आकर 26 मई को 'काले दिवस' के रूप में मनाया था। इस दिन किसान आंदोलन को छह महीने पूरे हुए थे। किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख बातचीत शुरू करने को भी कहा है।