दुष्यंत चौटाला का प्रधानमंत्री को पत्र, प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत शुरू करने की मांग की
क्या है खबर?
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत बहाल करने की मांग की है।
15 अप्रैल को लिखे पत्र में चौटाला ने प्रधानमंत्री मोदी से प्रदर्शनकारी किसानों से बात करने के लिए 3-4 वरिष्ठ मंत्रियों की समिति बनाने की अपील की है।
गौरतलब है कि सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की असफल बैठकों के बाद कई दिनों से बातचीत की प्रक्रिया बंद है।
जानकारी
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए सितंबर, 2020 में तीन कानून लेकर लाई थी।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।
किसान आंदोलन
कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं किसान
सरकार और किसानों के बीच हुई अब तक की बातचीत में दोनोें पक्ष अपने-अपने स्टैंड पर कायम रहे हैं।
सरकार ने किसानों को कृषि कानूनों में संशोधन और अमल पर अस्थायी रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसानों का कहना है कि वो कानून रद्द होने तक अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।
अब दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर एक बार फिर बातचीत के जरिये इस गतिरोध को समाप्त करने की अपील की है।
जानकारी
सरकार और किसानों के बीच आखिरी बार कब हुई थी बातचीत?
सरकार और किसानों के बीच आखिरी बार 22 जनवरी को बातचीत हुई थी। उसके बाद अब तक 85 दिन बीत गए हैं और दोनों पक्षों के बीच किसी तरह की औपचारिक बातचीत नहीं हुई है।
जानकारी
दुष्यंत ने पत्र में क्या लिखा?
दुष्यंत ने पत्र में लिखा, हमारे अन्नदाता दिल्ली के बॉर्डर पर सड़कों पर बैठे हैं और केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। यह चिंता की बात है कि ऐसा आंदोलन 100 से ज्यादा दिनों से चल रहा है। मैं मानता हूं कि बातचीत से हर समस्या का समाधान निकल सकता है। किसानों और सरकार के बीच पहले हुई बातचीत में किसानों की तरफ से उठाई गई कुछ चिंताओं का समाधान हुआ था।'
किसान आंदोलन
खट्टर की किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील
दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए आंदोलन खत्म करने की अपील की थी।
खट्टर ने कहा, "कई जगहों पर किसान आंदोलन चल रहा है और यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन किसानों के संक्रमित होने का खतरा भी बना हुआ है। आज भी एक बस स्टैंड पर 17-18 लोग संक्रमित मिले हैं। अगर लोग दिन-रात साथ रहते हैं तो कोरोना संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है।"
आह्वान
मई में संसद मार्च करेंगे किसान
पिछले साल नवंबर से दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मई के पहले पखवाड़े में शांतिपूर्ण तरीके से संसद मार्च निकालने का फैसला किया है।
मार्च में इसका ऐलान करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ दर्शनपाल ने कहा था कि संसद मार्च में किसानों के साथ महिला, मजदूर, आदिवासी, बेेरोजगार युवा और सभी समाजों के लोग शामिल होंगे। यह मार्च पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा। इसमें किसी भी तरह की हिंसा नहीं होगी।