किसान आंदोलन: अपनी मांगों को लेकर किसानों ने 24 घंटे के लिए जाम किया KMP राजमार्ग
क्या है खबर?
तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर पिछले चार महीने से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने आंदोलन में तेजी लाने के लिए शनिवार को कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) राजमार्ग 24 घंटे के लिए जाम कर दिया है।
इससे वाहन चालकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालांकि, किसानों ने आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को राजमार्ग से गुजरने की अनुमति दे रखी है।
ऐलान
किसानों ने 31 मार्च को किया था राजमार्ग जाम करने का ऐलान
बता दें कि 40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने गत 31 मार्च को बैठक कर आंदोलन में तेजी लाने के लिए कई निर्णय किए थे।
इनमें 5 अप्रैल को FCI बचाओ दिवस मनाने और देशभर में FCI कार्यालयों का घेराव करने तथा 10 अप्रैल को KMP राजमार्ग को 24 घंटे जाम करने का निर्णय किया था।
उस दौरान राजमार्ग को सुबह 8 बजे से 11 अप्रैल को सुबह 8 बजे तक अवरुद्ध करने का निर्णय किया था।
हालात
KMP टोल प्लाजा पर जाम लगाकर बैठे प्रदर्शनकारी किसान
सुबह छह बजे से ही किसानों का KMP टोल प्लाजा पर पहुंचना शुरू हो गया था। आठ बजे सभी किसान जाम लगाकर टोल प्लाजा पर बैठ गए।
इसी तरह सोनीपत में किसान KGP-KMP के जीरो प्वाइंट पर जाम लगाकर बैठे हुए हैं। ऐसे में वहां दोनों और से एक्सप्रेस-वे बंद है।
आंदोलनकारी नारेबाजी करते हुए झंडे लेकर राजमार्ग पर पहुंच रहे हैं। बंद के चलते मुरथल व गनौर में लंबा जाम लगा है। सैकड़ों वाहन जाम में फंसे हुए हैं।
जानकारी
डासना में भी लगाया जा रहा है जाम
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में KMP राजमार्ग के साथ डासना में भी जाम लगाने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही जाम में कई तरह की छूट भी देने का निर्णय किया।
छूट
जाम के दौरान इनको दी जा रही है छूट
किसानों ने जाम के दौरान कई छूट भी दी हैं। इनमें महिलाओं के वाहन फंसने पर उन्हें नीचे उतरने की इजाजत दी गई है।
इसी तरह जाम में किसी भी शव वाहन और एंबुलेंस को भी नहीं रोका जा रहा है। शादी कार्यक्रम में जा रहे लोगों, दूध, फल और सब्जी सहित अन्य सभी आवश्यक वस्तु वाले वाहनों को भी नहीं रोका जा रहा है। इससे आवश्यक सामान और खाद्य सामग्री तय समय पर गंतव्य तक पहुंच रही है।
एडवाइजरी
हरियाणा पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी
इधर, जाम को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को ही 10 और 11 अप्रैल के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है।
इसमें पुलिस ने कहा कि किसानों के जाम को देखते हुए वाहन चालक KMP राजमार्ग का इस्तेमाल करने से बचें।
इसी तरह यह भी कहा गया है कि शनिवार और रविवार को यदि सोनीपत, झज्जर, पानीपत, रोहतक, पलवल, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लिए निकल रहे हैं तो थोड़ा संभलकर यात्रा करें और वैकल्पिक रास्तों की सूची बनाकर चलें।
योजना
13 अप्रैल को दिल्ली की सीमाओं पर मनाया जाएगा वैशाखी त्योहार
संयुक्त किसान मोर्चा ने 13 अप्रैल को वैशाखी का त्यौहार दिल्ली की सीमाओं पर मनाने का भी निर्णय किया है।
इसी तरह 14 अप्रैल को डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती संविधान बचाओ दिवस के रूप में मनाई जाएगी और 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाएगा।
इसके अलावा मई के दूसरे सप्ताह में 'संसद मार्च' भी निकाला जाएगा। हालांकि, किसानों ने अभी इसकी तारीख तय नहीं की है। तारीख को लेकर जल्द ही निर्णय किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए सितंबर, 2020 में तीन कानून लेकर लाई है।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।