कोरोना वैक्सीन की दोेनों खुराकों से 98 प्रतिशत कम हो जाता है मौत का खतरा- सरकार
कोरोना महामारी से बचाव का एकमात्र उपाय वैक्सीन को माना जा रहा है। यही कारण है कि सरकार तेजी से वैक्सीनेशन करने में जुटी है। इसी बीच सरकार ने कहा है कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद महामारी से मौत का खतरा 98 प्रतिशत तक कम हो जाता है। पंजाब सरकार के सहयोग से चंडीगढ़ की पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की ओर से किए गए अध्ययन में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।
राज्य के पुलिसकर्मियों पर किया गया था अध्ययन- डा पॉल
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि यह अध्ययन राज्य के पुलिसकर्मियों के वास्तविक जीवन पर किया गया था। यह अध्ययन बहुत आसाना था। उन्होंने आगे कहा कि अध्ययन में 4,868 पुलिसकर्मियों को वैक्सीन नहीं लगाई गई थी। इसके बाद इनमें से 15 पुलिसकर्मियों को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। इसके अनुसार बिना वैक्सीन के प्रत्येक हजार पुलिसकर्मियों पर 3.08 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है।
वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वाले पुलिसकर्मियों में हुई सबसे कम मौत- डॉ पॉल
डॉ पॉल ने कहा कि अध्ययन में 35,865 पुलिसकर्मियों को वैक्सीन की एक खुराक लगाई गई थी। उसके बाद संक्रमण से नौ पुलिसकर्मियों की मौत हुई, जो कि प्रति हजार पुलिसकर्मियों में 0.25 मौत का आंकड़ा रहा। इसी तरह 42,720 पुुुलिसकर्मियों को वैक्सीन की दोनों खुराकें दी गई थी। ऐसे में संक्रमण के कारण इनमें से महज दो पुलिसकर्मियों की ही मौत हुई। इसके अनुसार मौत का आंकड़ा प्रत्येक हजार पुलिसकर्मियों पर 0.05 का रहा है।
"दोनों खुराकों के बाद 98 प्रतिशत कम रहता है मौत का खतरा"
डॉ पॉल ने कहा कि अध्ययन के डाटा का विश्लेषण करने पर स्पष्ट होता है कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने पर संक्रमण के मौत का खतरा 98 प्रतिशत तक कम हो जाता है। इसी तरह एक खुराक लेने पर मौत का खतरा 92 प्रतिशत तक कम होता है। इसी तरह वैक्सीन के बिना मौत का खतरा अधिक रहता है। उन्होंने कहा कि उच्च जोखिम को देखते हुए ही यह अध्ययन पुलिसकर्मियों पर किया गया था।
मौत के खिलाफ बेहर प्रभावी है वैक्सीन- डॉ पॉल
डॉ पॉल ने कहा, "CMC वेल्लोर द्वारा चिकित्साकर्मियों पर किए गए अध्ययन में वैक्सीन की ऐसी ही प्रभाविकता सामने आई थी। अब यह वैज्ञानिक रूप से स्पष्ट है कि वैक्सीन मौत के खतरे को कम करती है।" उन्होंने आगे कहा, "वैक्सीनेशन के बाद छोटी-मोटी बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन मृत्यु का खतरा खत्म हो जाता है। इससे हमारे अंदर वैक्सीन के प्रति विश्वास पैदा होता है। इसके अलावा वैक्सीन को लेकर चल रहे भ्रम भी दूर होते हैं।"
वैक्सीनेशन अभियान की क्या है स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 34,00,76,232 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 42,64,123 खुराकें लगाई गईं। एक बार तेज होने के बाद वैक्सीनेशन की रफ्तार फिर धीमी हो रही है।