#NewsBytesExclusive: कोरोना को हराने वाले शख्स ने कहा- धैर्य के साथ ही मिल सकती है जीत
क्या है खबर?
हरियाणा के गुरुग्राम निवासी रोहित शर्मा (29) जब जनवरी में कंपनी के एक प्रोजेक्ट के लिए लंदन गए तो उन्हें बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उसी दौरान कोरोना वायरस महामारी के चलते उन्हें वापस दिल्ली बुला लिया गया।
यहां जांच में उनके कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसके बाद वह इस महामारी से लड़े और सोमवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
न्यूज़बाइट्स के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने अपनी इस लड़ाई के अनुभव साझा किए।
शुरुआत
लंदन से लौटने के बाद बीमार पड़ गए थे रोहित
रोहित ने बताया कि वह 18 मार्च को दुबई के रास्ते वापस दिल्ली लौटे थे। वह लंदन और दुबई में बिल्कुल ठीक रहे, लेकिन दिल्ली पहुंचने के बाद शाम को जब वह घर पहुंचे तो उन्हें बुखार और सिर दर्द की शिकायत होने लग गई।
इसके बाद वह सिविल लाइंस स्थित एक सरकारी अस्पताल में गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें बुखार की गोलियां दीं।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया था।
टेस्ट
20 मार्च को कोरोना वायरस से संंक्रमित पाए गए रोहित
रोहित ने बताया कि जब दवाई खाने के बाद भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो वह अगले दिन फिर से अस्पताल गए और COVID-19 का टेस्ट कराया। 20 मार्च को उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
इसके बाद सरकारी अस्पताल की सफाई से नाखुश होकर वह गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हो गए।
उनके पूरे इलाज पर 1.63 लाख रुपये खर्च हुए हैं। इसमें से अधिकांश राशि उनके हेल्थ इंश्योरेंस से कवर की गई है।
बयान
फोर्टिस को सरकार से नहीं मिली कोई छूट- रोहित
रोहित ने बताया कि उन्होंने फोर्टिस प्रशासन से सरकार द्वारा कोई छूट मिलने की जानकारी मांगी तो उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय से भी पूछा कि क्या उन्हें कोई रिफंड मिलेगा, लेकिन अभी तक इसका जबाव नहीं आया है।
आइसोलेशन
आइसोलेशन वार्ड में दो-दो मीटर की दूरी पर लगाए गए हैं 14-15 बेड
जाहिर है कि रोहित अब स्वस्थ होने के बाद खुश हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों को आइसोलेशन वार्ड से डरना नहीं चाहिए।
उन्होंने बताया कि डॉक्टर, नर्स और यहां तक कि सफाई कर्मचारी बिना व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) के वार्ड में प्रवेश नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा, "आइसोलेशन वार्ड भी सामान्य वार्ड की तरह होता है। जिसमें दो-दो मीटर की दूरी पर 14-15 बेड होते हैं। यहां से कोई भाग नहीं सकता।"
विवरण
आइसोलेशन वार्ड में होते हैं सख्त दिशा-निर्देश
रोहित ने बताया कि कोरोना का इलाज नहीं होने के कारण डॉक्टर मरीजों को बीमारी के अनुसार दवा देते हैं। उन्हें भी बुखार के लिए पेरासिटामोल और खांसी के लिए कफ सीरप दी गई थी। दिन में दो बार उनके बुखार की जांच की जाती थी।
उन्होंने बताया, "आइसोलेशन वार्ड में उपयोग की जाने वाली कोई भी चीज, जैसे कैंची, बोतल, सिरिंज आदि सभी का शीघ्र निस्तारण किया जाता है। कोई भी चीज दोबारा उपयोग में नहीं ली जाती।"
बयान
हमेशा मास्क पहनने पर दिया जाता था जोर
रोहित ने बताया, "स्टाफ प्रत्येक छह घंटे में PPE बदलते थे और मरीजों को हर दिन नए कपड़े मिलते थे। मरीजों को हमेशा मास्क पहने रहने के लिए कहा जाता था। स्टाफ के सभी सदस्य व्यावहारिक थे और सभी के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार करते थे।"
समय
रोहित ने फिल्में देख और पत्नी से बात कर बिताया समय
रोहित ने बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें पर्याप्त आराम के लिए कहा था। समय बिताने के लिए वह हॉटस्टार और अमेजन प्राइम पर फिल्में देखते थे और दिन में दो बार परिवार और दोस्तों से बात करते थे।
उन्होंने कहा, "मैं प्रतिदिन अपनी पत्नी मीनाक्षी से बात करता था। मैं उनसे रोजाना लगभग पांच-पांच घंटे बात करता था।"
उन्होंने कहा कि आपको धैर्य रखना होगा, बिना धैर्य के आप कोरोना से जंग नहीं जीत सकते हैं।
बयान
अकेलेपन का शिकार हो गए थे रोहित
रोहित ने बताया कि शुरुआत के आठ दिन तो अच्छे बीते, लेकिन दो लोगों के वहां से जाने के बाद वह भी निकलना चाहते थे। रोहित शीशा तोड़कर भाग जाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और ठीक होने का इंतजार किया।
प्रतिक्रिया
सरकार के प्रयास अच्छे, लेकिन लोगों को भी बेहतर व्यवहार करना होगा- रोहित
रोहित ने बताया कि उन्हें 14 दिनों तक घर पर रहने के लिए कहा गया है। इसके बाद वह अपने माता-पिता से मिलने जायेंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना के लिए सरकार के प्रयास अच्छे हैं, लेकिन लोगों को भी जिम्मेदाराना व्यवहार करना होगा। खासकर उस समय जब किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि हो।
उन्होंने कहा, "मेरी सोसाइटी में लोगों ने मेरी विदेश यात्राओं को लेकर बहुत सी अफवाहें फैलाई। ऐसा नहीं होना चाहिए।"
पत्नी का बयान
कुछ लोगों ने फैलाई अफवाह तो कुछ ने की मदद
रोहित की 27 वर्षीय पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि वह अपने पति के संक्रमित होने के बाद पहले ही बहुत तनाव में थीं और कुछ लोगों ने उनके घर से बाहर घूमने की झूठी अफवाहें फैलाकर उन्हें और अधिक परेशान किया।
हालांकि कुछ पड़ोसियों ने उन्हें नियमित रूप से फोन किया और कहा, "आपको बाहर जाने की जरूरत नहीं है, बस हमें बताएं कि आपको क्या चाहिए, हम वह लाकर देंगे।"
बाद में मीनाक्षी की रिपोर्ट नेगेटिव आई।
आशंका
अब 'लक्ष्मण रेखा' पार नहीं करेंगे- मीनाक्षी
अपनी स्थिति के बारे में मीनाक्षी ने कहा, "आप केवल कल्पना ही कर सकते हैं कि मैं कितनी तनाव में थीं। मैं नियमित रूप से रोहित से बात करती रहीं और इससे दिमाग शांत रखा। मेरी मां का आधा दिन भगवान से प्रार्थना करने में ही बीतता था। शुक्र है मेरे बॉस सहयोगी रहे और मुझे 31 मार्च तक छुट्टी दे दी। अब मैं रोहित को "लक्ष्मण रेखा" पार नहीं करने दूंगी और अगले 14 दिन घर में ही रखूंगी।"
बयान
रोहित ने दिया ये अहम सुझाव
रोहित ने कहा, "14 दिन का समय छोटा लगता है, लेकिन अपनों के बिना समय बहुत निराशाजनक होता है। आप केवल इतना कर सकते हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को अकेलापन महसूस न होने दें। सभी को उनका साथ देना चाहिए।"