
मेटा ने 4 AI समूहों के साथ सुपरइंटेलिजेंस लैब्स किया लॉन्च
क्या है खबर?
मेटा ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विभाग 'मेटा सुपरइंटेलिजेंस लैब्स' को 4 समूहों के साथ लॉन्च किया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम कंपनी ने तेजी से बदलते AI बाजार और प्रतिस्पर्धा को देखते हुए उठाया है। OpenAI, गूगल डीपमाइंड और एंथ्रोपिक जैसी कंपनियों के बीच बढ़ती रेस में बने रहने के लिए मेटा लगातार अपनी AI रणनीतियों को नया रूप दे रहा है। CEO मार्क जुकरबर्ग इस प्रक्रिया में व्यक्तिगत रूप से शामिल रहे हैं।
जिम्मेदारियां
अलग-अलग समूहों की जिम्मेदारियां
नए ढांचे में चार विभाग बनाए गए हैं, जिनमें अलग-अलग कार्य सौंपे गए हैं। एलेक्जेंडर वांग, जो हाल ही में मेटा में मुख्य AI अधिकारी बने, 'TBD लैब्स' की देखरेख करेंगे, जो लामा श्रृंखला जैसे बड़े AI मॉडल पर केंद्रित होगा। बाकी 3 समूहों को क्रमशः अनुसंधान, उत्पाद एकीकरण और AI ढांचे के तकनीकी आधार की जिम्मेदारी दी गई है। मेटा का मानना है कि इस तरह कामों को बांटने से विकास प्रक्रिया और तेज होगी।
सवाल
लगातार पुनर्गठन से उठे सवाल
यह पिछले 6 महीनों में मेटा का चौथा AI पुनर्गठन है, जिसने उद्योग में सवाल खड़े कर दिए हैं। आमतौर पर सफल टेक कंपनियां लंबे समय तक संगठनात्मक स्थिरता बनाए रखती हैं, ताकि टीमें अपने लक्ष्यों पर ध्यान दे सकें। रिपोर्ट्स के अनुसार, बार-बार के बदलावों से कर्मचारियों पर असर पड़ा है और कई टीमों को या तो हटाया गया है या नई भूमिकाओं में भेजा गया है। इससे ऑपरेशन और परियोजनाओं की निरंतरता पर खतरा मंडरा रहा है।
प्रवृत्ति
केंद्रीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति
मेटा का यह फैसला दिखाता है कि बड़ी टेक कंपनियां अब AI से जुड़े काम एक जगह ला रही हैं। गूगल ने भी जनवरी, 2025 में अपनी AI स्टूडियो और जेमिनी टीमों को डीपमाइंड में जोड़कर ऐसा ही किया। विशेषज्ञों का कहना है कि काम एक जगह होने से फैसले जल्दी लिए जा सकते हैं और संसाधनों का सही इस्तेमाल होता है। OpenAI और एंथ्रोपिक जैसी कंपनियों से मुकाबला करने के लिए अब बड़ी कंपनियां यही तरीका अपना रही हैं।