कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए 10 सशक्त समूहों और एक टास्क फोर्स का गठन
कोरोना वायरस के प्रकोप और इससे पड़ने वाले असर से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने रविवार को 10 सशक्त समूहों और एक सामरिक टास्क फोर्स का गठन किया। इन सभी में मिलाकर कुल 68 वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी होंगे। वायरस के प्रकोप को रोकने और इससे पैदा होने वाले सामाजिक और आर्थिक प्रभावों के प्रति व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है। इनका लक्ष्य वायरस के खिलाफ प्रभावी योजना बनाना है।
लॉकडाउन संबंधी मुद्दों पर काम करेगी सामरिक टास्क फोर्स
ये सभी समूह वी़डियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर सरकार को सुझाव देंगे और उन्हें फैसले लेने का अधिकार भी होगा। छह सदस्यीय सामरिक टास्क फोर्स विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किए गए 21 दिन के लॉकडाउन से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी। गृह सचिव अजय कुमार वल्ला, नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल, समन्वय सचिव वीपी जॉय और प्रधानमंत्री कार्यालय के तीन अधिकारी- एके शर्मा, अरविंद श्रीवास्तव और अभिषेक शुक्ला- इसका हिस्सा होंगे।
हर सशक्त समूह के लिए एक कार्य निर्धारित
अगर सशक्त समूहों की बात करें तो पहला सशक्त समूह आपातकालीन चिकित्सा के प्रबंधन संबंधी योजना तैयार करेगा। वीके पॉल इसके अध्यक्ष होंगे और उनके अलावा इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर विभाग के एक-एक प्रतिनिधि शामिल होंगे। दूसरा सशक्त समूह अस्पतालों की उपलब्धता, आइसोलेशन और क्वारंटाइन की सुविधाओं, टेस्टिंग और क्रिटिकल केयर ट्रेनिंग संबंधी मुद्दों पर काम करेगा। पर्यावरण मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा इसके प्रमुख होंगे और इसमें तीन और सदस्य होंगे।
लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामानों की आपूर्ति के लिए सबसे बड़ा सशक्त समूह
पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव परमेश्वरम अय्यर की अध्यक्षता वाला 10 सदस्यीय सशक्त समूह लॉकडाउन के दौरान खाद्य पदार्थों और दवाईयों जैसे जरूरी सामानों की आपूर्ति संबंधी मामलों पर ध्यान केंद्रित करेगा। सरकार का लॉकडाउन के दौरान लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाने पर कितना जोर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये सबसे बड़ा सशक्त समूह है। लॉकडाउन की सफलता मुख्यतौर पर लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाने की सरकार की क्षमता पर निर्भर करेगी।
गरीबों पर कोरोना वायरस के प्रभाव से निपटने के लिए भी सशक्त समूह
प्रवासी मजदूरों और अन्य गरीब तबकों पर कोरोना वायरस और लॉकडाउन के प्रभाव की चिंताओं के बीच केंद्र सरकार ने 'आर्थिक और कल्याणकारी उपायों' का एक अलग सशक्त समूह बनाया है। आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अतनू चक्रवर्ती इसके अध्यक्ष होंगे। वहीं कुटीर, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के सचिव अरुण पंडा मानव संसाधन संबंधी सशक्त समूह और सूचना और प्रसारण सचिव रवि मित्तल 'सूचना संचार और जन जागरूकता' संबंधी सशक्त समूह के अध्यक्ष होंगे।
इन कार्यों के लिए भी बनाए गए सशक्त समूह
इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय साहनी तकनीक और डाटा मैनेजमेंट संबंधी सशक्त समह का नेतृत्व करेंगे। वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे की अध्यक्षता वाला सशक्त समूह लोगों की शिकायतों और सुझावों पर कार्य करेगा।
भारत में एक हजार पार हुआ संक्रमितों का आंकड़ा, 27 की मौत
बता दें कि पिछले चार दिनों में भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखने को मिली है और अब तक 1024 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। 27 लोगों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक छह लोगों की मौत हुई है जबकि गुजरात में पांच और कर्नाटक में तीन लोगों को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है। सबसे अधिक 186 मामले भी महाराष्ट्र में सामने आए हैं।
केंद्र का राज्यों को निर्देश, प्रवासी मजदूरों को रोकने के लिए सील करें सीमाएं
इस बीच राष्ट्रीय लॉकडाउन के पांचवें दिन भी प्रवासी मजदूरों का शहरों से अपने गांवों की तरफ पलायन करना जारी है। इन मजदूरों के गांव पहुंचने से कोरोना के ग्रामीण इलाकों में पहुंचने का खतरा है और इसलिए आज केंद्र सरकार ने राज्यों को लॉकडाउन प्रभावी तरीके से लागू करने और सीमाओं को सील करने के निर्देश दिए हैं। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले प्रवासी मजदूरों को 14 दिन सरकारी क्वारंटाइन कैंपों में रखने का आदेश भी दिया गया है।
राज्यों को माल के परिवहन की अनुमति देने का भी निर्देश
गृह मंत्रालयन ने राज्यों को लॉकडाउन के दौरान जरूरी और गैर-जरूरी सेवा का अंतर किए बिना माल के परिवहन की अनुमति देने को भी कहा है। इनमें अखबारों, दूध की सप्लाई चैन, किनारा सामान और साबुन, हैंड सैनिटाइजर्स जैसे स्वच्छता के सामान शामिल हैं।