इस साल मंदी में चली जाएगी वैश्विक अर्थव्यवस्था, बच सकते हैं भारत और चीन- UN रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा और इस साल ये मंदी में चली जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों इस मंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। हालांकि इसमें कहा गया है कि भारत और चीन इस मंदी से बच सकते हैं। ये दोनों देश इस मंदी से कैसे अछूते रहेंगे, रिपोर्ट में इसका कारण नहीं बताया गया है।
150 से अधिक देशों में फैल चुका है कोरोना
दिसंबर में चीन के वुहान शहर से फैलना शुरू हुए कोरोना वायरस (COVID-19) से अब तक 150 से अधिक देशों के लगभग आठ लोग संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 38 हजार लोगों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। तेजी से फैलने वाले इस वायरस को रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है और शहर के शहर बंद कर दिए गए हैं। इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
निर्यातक देशों को होगा दो से तीन लाख करोड़ डॉलर का नुकसान
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) पहले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंदी के दौर में प्रवेश करने की बात कह चुका है और अब UN ने अपनी रिपोर्ट में यही बात दोहराई है। व्यापार और विकास संबंधी UN कांफ्रेंस (UNCTAD) ने 'विकासशील देशों पर COVID-19 का प्रहार' नामक रिपोर्ट में कहा है कि उपयोगी वस्तुओं का निर्यात करने वाले देशों में अगले दो सालों में विदेशी निवेश में दो से तीन लाख करोड़ डॉलर की कमी आएगी।
राहत पैकेजों से पड़ेगा असर- रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में विकसित अर्थव्यवस्थाओं और चीन ने बड़े सरकारी पैकेज जारी किए हैं जिनसे G-20 देशों की अर्थव्यवस्थाओं को पांच लाख करोड़ डॉलर की मदद मिलेगी। रिपोर्ट में लिखा है, "ये अभूतपूर्व संकट के खिलाफ एक अभूतपूर्व प्रतिक्रिया है जो इसके शारीरिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव को कम करेगी।" इससे बड़ी G-20 अर्थव्यवस्थाओं में एक से दो लाख करोड़ डॉलर की मांग पैदा होगी और वैश्विक उत्पादन में दो प्रतिशत का अंतर पड़ेगा।
राहत पैकेजों के बावजूद होगा कई लाख करोड़ डॉलर का नुकसान
UNCTAD ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है, "इसके बावजूद वैश्विक कमाई में कई लाख करोड़ डॉलर के नुकसान के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल मंदी में चली जाएगी। चीन के अपवाद और भारत के संभावित अपवाद को छोड़कर ये विकासशील देशों के लिए गंभीर समस्याएं पैदी करेगी।" चीन और भारत इस वैश्विक मंदी की गिरफ्त से कैसे बचेंगे, रिपोर्ट में इसके बारे में विस्तृत रूप से नहीं बताया गया है।
2008 की आर्थिक मंदी के मुकाबले अधिक तेजी से हुआ नुकसान
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस तेजी से इस महामारी के कारण विकसित देशों को आर्थिक नुकसान हुआ है, वो 2008 की वैश्विक मंदी से भी अधिक है। UNCTAD महासचिव मुखिसा कितुयी ने कहा, "इससे आर्थिक नुकसान जारी है और इसका अनुमान लगाना बेहद कठिन है। लेकिन इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में चीजें बेहतर होने से पहले और खराब होंगी।" रिपोर्ट में विकासशील देशों की मदद के लिए चार सुझाव भी दिए गए हैं।