जम्मू-कश्मीर: विशेष दर्जा खत्म करने पर भारत ने अमेरिका, रूस सहित अन्य देशों को किया सूचित
क्या है खबर?
अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले विशेष दर्जे को खत्म करने के अपने ऐतिहासिक फैसले के बारे में भारत सरकार ने दुनिया के कई देशों को सूचित किया है।
भारत सरकार ने विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्यों को अपने इस फैसले की बारीकियों के बारे में बताया है।
इस बीच पाकिस्तान ने अपने यहां भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और भारत सरकार के इस फैसले पर विरोध दर्ज कराया।
जिम्मेदारी
विदेश सचिव विजय गोखले ने संभाली जिम्मेदारी
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि विदेश सचिव विजय गोखले और मंत्रालय के अन्य सचिवों ने अन्य देशों को इस ऐतिहासिक घटना के बारे में जानकारी देने का जिम्मा संभाला।
उन्होंने UNSC के स्थाई सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और रूस के साथ-साथ अन्य देशों के राजदूतों को इसके बारे में सूचित किया।
इसके अलावा अन्य बड़े देशों जर्मनी, कनाडा, जापान और ASEAN देशों को भी फैसले की जानकारी दी गई।
पाकिस्तान का विरोध
मुद्दे को UN ले जा सकता है पाकिस्तान
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने UNSC के सदस्यों को सबसे पहले सूचित किया।
ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पाकिस्तान मामले को संयुक्त राष्ट्र (UN) ले जा सकता है।
पाकिस्तान ने सोमवार को अपने यहां भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को तलब किया और जम्मू-कश्मीर में भारत सरकार के फैसले पर "सख्त आपत्ति" जाहिर की।
पाकिस्तान ने इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों और UNSC संकल्पों के खिलाफ बताया है।
इस्लामिक सहयोग संगठन
इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्यों को अभी तक नहीं किया सूचित
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत ने अभी तक इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के किसी भी देश को अभी इस फैसले के बारे में सूचित नहीं किया है।
OIC मुख्यतौर पर दुनियाभर के इस्लामिक देशों का संगठन हैं और कश्मीर पर इसका आधिकारिक पक्ष भारत के पक्ष के विपरीत रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत इसे अपना आतंरिक मामला मानते हुए इसमें बाहरी दखल नहीं चाहता और इसलिए चुनिंदा देशों को सूचित किया गया है।
बैठक
अन्य देशों को किया सूचित, फैसले से होगा जम्मू-कश्मीर का भला
एक सूत्र ने बताया, "ये बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसी स्थिति नहीं है। हम राजदूतों को इसलिए सूचित कर रहे हैं क्योंकि हम इस फैसले के सही मतलब को समझाना चाहते हैं।"
उनके अनुसार, इन बैठकों में राजदूतों को बताया गया कि ये भारत का आंतरिक मामला है और इन फैसलों का मकसद जम्मू-कश्मीर में अच्छा प्रशासन दिया जा सके और राज्य में सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा।
पृष्ठभूमि
राष्ट्रपति के आदेश से खत्म हुआ विशेष दर्जा
बता दें कि कल राष्ट्रपति के एक आदेश के जरिए अनुच्छेद 370 में बदलाव करके जम्मू-कश्मीर को मिलने वाले विशेष दर्जे को खत्म कर दिया था।
गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी राज्यसभा में दी, जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में बांटने का फैसला भी लिया है और इससे संबंधित बिल राज्यसभा में पास हो चुका है।