पाकिस्तान-चीन सहित 55 देशों ने किया UNSC में अस्थाई सीट के लिए भारत का समर्थन
क्या है खबर?
एशिया-पैसिफिक समूह के 55 देशों ने सर्वसम्मति से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अस्थाई सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
इन देशों में हर कदम पर भारत का विरोध करने वाला पाकिस्तान भी शामिल है।
अस्थाई सदस्यता दो साल के लिए होती है और इन देशों ने 2021-2022 के लिए भारत का समर्थन किया है।
बता दें कि भारत UNSC में स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांग भी कर रहा है।
धन्यवाद
भारत ने कहा सभी देशों को धन्यवाद
संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए देशों को धन्यवाद कहा।
ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, "सर्वसम्मति से उठाया गया कदम। UN में एशिया-पैसिफिक समूह ने 2021-2022 की दो साल की अवधि के लिए सुरक्षा परिषद की अस्थाई सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का सर्वसम्मति से समर्थन किया है।"
ट्वीट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी डाला, जिसमें सभी देशों को धन्यवाद कहा गया है।
जानकारी
इन देशों ने किया भारत का समर्थन
जिन देशों ने भारत का समर्थन किया, उनमें पाकिस्तान के अलावा जापान, ईरान, कतर, सऊदी अरब, तुर्की, संयुक्त अरब आमीरात (UAE), अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, सीरिया आदि देश शामिल हैं। स्थाई सदस्य चीन ने भी भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
UNSC संरचना
सात बार अस्थाई सदस्य रह चुका है भारत
महत्वपूर्ण सुरक्षा मामलों पर फैसला लेने वाली UNSC में कुल 15 सदस्य होते हैं।
इनमें से 5 स्थाई सदस्य हैं जो चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी हैं।
वहीं, बाकी 10 अस्थाई सदस्य होते हैं, जिन्हें हर साल UN महासभा चुनकर भेजती है।
भारत अब तक 7 बार UNSC का अस्थाई सदस्य रह चुका है।
भारत 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और हाल ही में 2011-2012 में अस्थाई सदस्य रह चुका है।
जानकारी
अगले साल जून में होंगे चुनाव
अभी बेल्जियम, आइवरी कोस्ट, डॉमिनिकम रिपब्लिक, इक्वेटोरियल गिनी, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पौलेंड और दक्षिण अफ्रीका UNSC के अस्थाई सदस्य हैं। 2021-2022 अवधि के लिए 5 अस्थाई सदस्यों के लिए अगले साल जून में चुनाव होंगे।
मांग
बेहतर प्रतिनिधित्व की मांग करता है भारत
भारत दुनिया के बेहतर प्रतिनिधित्व के लिए UNSC के स्थाई और अस्थाई दोनों सदस्यों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग कर रहा है।
एशिया-पैसिफिक समहू का उदाहरण देते हुए अकबरुद्दीन ने कहा कि 52 देशों के बीच केवल 2 अस्थाई सीट हैं।
उन्होंने कहा, "एशिया-पैसिफिक के 3 अरब से ज्यादा लोगों को 2 साल की अवधि की 2 सीटों के जरिए प्रतिनिधित्व मिलता है, जबकि अन्य क्षेत्रों के लोगों के मामले में ऐसा नहीं है।"
स्थाई सदस्यता
UNSC की स्थाई सदस्यता हमारा अधिकार- भारत
भारत UNSC के स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाने और खुद को स्थाई सदस्य बनाए जाने की भी मांग कर रहा है।
भारत का कहना है कि वह UNSC की स्थाई सदस्यता पाने का अधिकार रखता है।
भारत के अलावा जर्मनी, ब्राजील और जापान भी स्थाई सदस्यता की मांग कर रहे हैं।
इन देशों को कहना है कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य के बेहतर प्रतिनिधित्व के लिए UNSC में बदलाव की सख्त जरूरत है।
विशेष अधिकार
स्थाई सदस्यों के पास होता है वीटो का अधिकार
UNSC के स्थाई सदस्यों के पास किसी भी प्रस्ताव को वीटो करने का विशेष अधिकार होता है। वीटो यानि किसी प्रस्ताव को न कहने का अधिकार।
उदाहरण के तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर सभी स्थाई सदस्य भारत के साथ थे, लेकिन अकेले चीन के वीटो के कारण ये प्रस्ताव 4 बार खारिज हुआ।
चीन भारत की स्थाई सदस्यता में भी अंडगा डालता है, जबकि बाकी स्थाई सदस्य इसके लिए तैयार हैं।