अनुच्छेद 370: संयुक्त राष्ट्र जाएगा पाकिस्तान, लद्दाख को लेकर चीन भी कूदा, कहा- फैसला स्वीकार नहीं
क्या है खबर?
भारत सरकार के अनुच्छेद 370 में बदलाव करके जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की शिकायत लेकर पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र (UN) जाएगा।
इमरान खान ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "हम कश्मीर के मुद्दे को UN और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भाजपा की नस्लभेदी विचारधारा के कारण भारत में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे सलूक के बारे में बताएंगे।"
वहीं लद्दाख को लेकर चीन भी इस विवाद में कूद पड़ा है और इसे अस्वीकार्य बताया है।
ट्विटर पोस्ट
कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र जाएगा पाकिस्तान
Pakistan Prime Minister Imran Khan at the Joint Session of Parliament: We will take the case of Kashmir to the United Nations apprise the International community of the treatment of minorities in India under the racist ideology of the BJP. (File pic) pic.twitter.com/XW5FiXsB28
— ANI (@ANI) August 6, 2019
बयान
इमरान ने कहा, वैश्विक नेतृत्व इसका संज्ञान ले
कश्मीर पर बुलाए गए विशेष संयुक्त सत्र में इमरान खान ने कहा कि वह चाहते हैं कि वैश्विक नेतृत्व इसका संज्ञान ले।
उन्होंने कहा, "मेरी पार्टी और मैं विश्व के नेताओं के पास जाने और उन्हें कश्मीर की स्थिति के बारे में बताने की जिम्मेदारी लेते हैं। मैं उन्हें बताऊंगा कि कश्मीर में भारतीय सरकार क्या कर रही है। देश में मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों के साथ जो कर रही है, वो पश्चिमी दुनिया के हर विचार के खिलाफ जाता है।"
आरोप
इमरान ने भाजपा पर लगाए आरोप
भाजपा पर हमला करते हुए इमरान खान ने कहा, "ये ऐसा फैसला नहीं है जो भाजपा ने बिना सोचे-समझे नहीं लिया है। ये हमेशा से उनके चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा था। असल में हिंदुओं को सभी धर्मों से ऊपर रखना और ऐसा देश बनाना जहां जो बाकी धार्मिक समुदायों को दबाता हो, उनकी विचारधारा में है।"
उन्होंने कहा कि भाजपा ने कश्मीर में जो किया अपनी विचारधारा के हिसाब से किया। उनकी नस्लभेदी विचारधारा है।
चीन की आपत्ति
लद्दाख को लेकर चीन बीच में कूदा
वहीं, भारत का शक्तिशाली पड़ोसी चीन भी इस मामले में कूद पड़ा है।
मंगलवार को 2 बयान जारी करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र में तनाव से बचने के लिए भारत को जम्मू-कश्मीर पर "एकतरफा फैसलों" से बचना चाहिए।
चीन ने भारत सरकार के लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले को "अस्वीकार्य बताया।"
चीन ने इसे अपनी संप्रभुता के खिलाफ बताया है और भारत को सीमा संबंधी मामलों पर सतर्क रहने को कहा है।
कारण
इस कारण बीच में कूदा चीन
चीन का इस विवाद में कूदने का अंदेशा पहले से लगाया जा रहा था। इसके दो कारण है।
पहला तो ये कि पाकिस्तान चीन का करीबी सहयोगी है।
दूसरा, भारत और चीन के बीच जिस अक्साई चिन क्षेत्र को लेकर विवाद है, वह लद्दाख में आता है।
इलाके पर चीन का कब्जा है और वह इसे अपना हिस्सा बताता रहा है।
वहीं, भारत इसे अपना हिस्सा बताता है जिस पर चीन ने 1962 की लड़ाई में कब्जा कर लिया।
समर्थन
UAE ने बताया भारत का आंतरिक मामला
पाकिस्तान और चीन के इस विरोध के बीच इस्लामिक समुदाय के एक बड़े देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भारत के इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है।
भारत में UAE के राजदूत डॉ अहमद अल बन्ना ने कहा, "आजाद भारत के इतिहास में राज्यों का पुनर्गठन नया नहीं है और इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय असमानता घटाने और क्षमता बढ़ाने पर है। यह भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित आंतरिक मामला है।"