अर्थव्यवस्था को लेकर वित्त मंत्री की तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- दिख रहे सुधार के संकेत
अर्थव्यवस्था में मंदी को लेकर सरकार सवालों के घेरे में हैं। ऐसे में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सीतारमण ने कहा कि महंगाई काबू में है और अप्रैल-जून में इंडस्ट्री के रिवाइवल के संकेत मिले हैं। इसके अलावा क्रेडिट गारंटी स्कीम का फायदा नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) को मिला है। पिछले एक महीने में वित्त मंत्री की यह तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है। आइये, जानते हैं उन्होंने और क्या-क्या ऐलान किये।
निर्यात बढ़ाने पर है सरकार का फोकस- सीतारमण
सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए आवास और निर्यात के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ड्यूटी कम करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस निर्यात बढ़ाने पर है। निर्यातकों को कर्ज देने वाले बैंकों को ज्यादा इंश्योरेंस कवर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बैंकों का क्रेडिट आउटफ्लो बढ़ा है। इसकी जानकारी के लिए वो 19 सितंबर को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ मुलाकात करेंगी।
देश में चार जगहों पर होगा शॉपिंग फेस्टिवल
सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि दुबई शॉपिंग फेस्टिवल की तर्ज भारत में मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। ऐसा पहला फेस्टिवल अगले साल मार्च मे होगा। यह देश के चार अलग-अलग हिस्सों में आयोजित होगा और इसकी थीम जेम्स एंड ज्वैलरी, टैक्सटाइल, योगा टूरिज्म, हैंडिक्राफ्ट और लेदर होगी। इससे छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और उन्हें दुनियाभर में अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा।
यहां देखिये सीतारमण की पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस
घर खरीदने के लिए बनेगी स्पेशल विंडो
सीतारमण ने बताया कि छोटे डिफॉल्ट में अब आपराधिक मुकदमा नहीं चलेगा। साथ ही 25 लाख रुपये तक के टैक्स डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से मंजूरी लेनी होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अब घर खरीदने के लिए फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी। इसमें विशेषज्ञ काम करेंगे, जिससे लोगों को घर लेने में आसानी होगी। साथ ही घर खरीदने के लिए आसानी से लोन मिल सकेगा।
पांच फीसदी हुई अर्थव्यवस्था की रफ्तार की दर
भारत की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है और अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर मात्र पांच प्रतिशत रही। यह पिछले सात सालों का निम्नतम स्तर है। मंदी का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर पर देखने को मिला है। बीते कुछ महीनों में इस सेक्टर में 3.5 लाख से अधिक लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। अगस्त में वाहनों की बिक्री में लगातार दसवें महीने गिरावट देखी गई। सरकार ने इसकी मांगों पर ध्यान देने की बात कही थी।