अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत की आर्थिक वृद्धि को बताया उम्मीद से कम, वजह भी बताई
भारत में आर्थिक मोर्चे पर छाई सुस्ती के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कम है। IMF ने इसके पीछे कॉरपोरेट एवं पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता और कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की कमजोरी को वजह बताया है। IMF के प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा कि नए आकंड़े पेश किए जाएंगे, लेकिन भारत की मौजूदा आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कम है।
चीन से तेज है भारत की रफ्तार- IMF
IMF ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर कमी बताई है, लेकिन वह इसमें काफी संभावनाएं भी देख रहा है। IMF ने कहा कि भारत फिलहाल चीन से आगे है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
पांच फीसदी हुई अर्थव्यवस्था की रफ्तार की दर
भारत की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है और अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर मात्र पांच प्रतिशत रही। यह पिछले सात सालों का निम्नतम स्तर है। मंदी का सबसे ज्यादा असर ऑटो सेक्टर पर देखने को मिला है। बीते कुछ महीनों में इस सेक्टर में 3.5 लाख से अधिक लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। अगस्त में वाहनों की बिक्री में लगातार दसवें महीने गिरावट देखी गई। सरकार ने इसकी मांगों पर ध्यान देने की बात कही है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बताए मंदी से निकलने के उपाय
मंदी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को रास्ते पर लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पांच उपाय बताए हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा कि सरकार को अर्थव्यवस्था में मंदी पर इनकार की मुद्रा से बाहर आकर सबसे पहले इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है उन्होंने अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के लिए नोटबंदी की भयंकर गलती और गुड्स और सर्विस टैक्स (GST) के दोषपूर्ण अमल को जिम्मेदार बताया।
GST को तर्कसंगत बनाने का सुझाव
जाने-माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने मंदी से निकलने का पहला सुझाव GST को तर्कसंगत बनाने का दिया है। उन्होंने कहा ऐसा किया जाना जरूरी है, भले ही इससे थोड़े समय के लिए टैक्स का नुकसान हो। दूसरा कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ाने के लिए नये तरीके ढूंढना। तीसरे उपाय के तौर पर उन्होंने पूंजी निर्माण के लिए कर्ज की कमी को दूर करने का सुझाव दिया है।
नौकरी देने वाले क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने की जरूरत- मनमोहन सिंह
चौथे उपाय के तौर पर उन्होंने कपड़ा, ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे नौकरी देने वाले क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने को जरूरी बताया। पांचवे उपाय के तौर पर उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर की वजह से खुल रहे नए निर्यात बाजारों काे पहचाना होगा।
समाधान की बजाय अजीबोगरीब बयान दे रहे मंत्री
एक तरफ देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है और दूसरी तरफ मोदी सरकार के मंत्री इससे बाहर निकलने के बजाय अजीबोगरीब बयान देते जा रहे हैं। पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाहनों की बिक्री में आई गिरावट के लिए युवाओं की ओला-उबर प्रयोग करने की आदत को बताया। अब वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि गणित में जाने का कोई फायदा नहीं और इस गणित ने गुरुत्वाकर्षण की खोज करने में "आइंस्टीन" की मदद नहीं की।