हरियाणा के सोनीपत में नई फैक्ट्री बनाएगी मारुति सुजुकी, मिली मंजूरी
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मारुति सुजुकी को सोनीपत के खरखौदा में 900 एकड़ से अधिक भूमि पर एक नया मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने हरियाणा इंटरप्राइजेज प्रमोशन सेंटर की बैठक में यह घोषणा की है। अपने आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा, "सोनीपत के खरखौदा में करीब 900 एकड़ जमीन पर मारुति की फैक्ट्री स्थापित करने की मंजूरी दे दी गई है।"
जल्द ही मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोल सकती है मारुति
खट्टर ने बताया कि इससे मारुति सुजुकी को उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे भारतीय बाजार में ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही मारुति को सरकार की ओर से 15 साल के लिए स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (SGST) पर रीइंबर्समेंट (एक तरह का छूट) दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मारुति जल्द ही एक और फैक्ट्री खोल सकती है जिससे ऑटोमेकर को अपने उत्पादन को बढ़ाने और ग्राहकों के डिमांड को पूरा करने में मदद मिलेगी।
वर्तमान में किन जगहों पर है मारुति के प्लांट?
मारुति सुजुकी की दो फैक्ट्री हरियाणा (गुड़गांव और मानेसर) में हैं और साथ ही एक प्लांट गुजरात में भी उपलब्ध है। सभी प्लांट्स की मदद से मारुति सुजुकी अपने उत्पादन की आपूर्ति करती है। कंपनी सालाना 22.5 लाख वाहनों का निर्माण करती है, जिसमें हरियाणा के दोनों प्लांट्स में 15 लाख और गुजरात प्लांट् से 7.5 लाख गाड़ियों का निर्माण किया जाता है। हरियाणा में एक और प्लांट के निर्माण से कंपनी की भारत में कुल चार फैक्ट्रियां हो जाएंगी।
अक्टूबर में कैसी थी मारुति की बिक्री?
अक्टूबर में मारुति सुजुकी ने कुल 1,38,335 गाड़ियों की बिक्री की। कंपनी ने 21,322 गाड़ियों के निर्यात के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि, घरेलू बाजार में बिक्री कंपनी के लिए अब भी चिंता का विषय बनी हुई है। बता दें कि पिछले महीने कंपनी ने घरेलू बाजार में सब कॉम्पैक्ट SUV में 48,690 गाड़ियों की बिक्री की, जो अक्टूबर 2020 में बेची गई 95,067 गाड़ियों की तुलना में लगभग आधी थी।
सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से हो रहा है बिक्री पर असर
सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से दुनियाभर की वाहन निर्माता कंपनियों के उत्पादन में कमी आ रही है। यही वजह है कि पिछले कुछ महीनों से भारतीय बाजार में वाहनों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है और दाम लगातार बढ़ रहे हैं। सेमीकंडक्टर की कमी की वजह से पिछले कुछ महीनों से टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसे भारतीय निर्माताओं के बिक्री पर भी असर पड़ रहा है। बाजार में पिछले काफी समय से यह स्थिति बनी हुई है।