फिर से डीजल इंजन वाली गाड़ियों पर काम नहीं कर रही मारुति, ये हैं कारण
क्या है खबर?
मारुति सुजकी ने पिछले साल ही अपने डीजल मॉडल्स को बंद कर दिया था। हाल ही में खबरें आई थीं कि कंपनी दोबारा डीजल मॉडल लाने की तैयारी कर रही है, लेकिन ऐसा नहीं है।
मारुति यूटिलिटी व्हीकल्स सेगमेंट में BS6 मानक वाली 1.5 लीटर डीजल इंजन विकल्पों को वापस नहीं लाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इन्वेस्टमेंट बेनेफिट कम होने की वजह से भी डीजल इंजन विकल्प को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया गया है।
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ये है कारण
वित्तीय वर्ष 2021 में डीजल की कीमत में 18.58 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई, जिससे डीजल और पेट्रोल की कीमत के बीच का अंतर काफी कम हो गया है।
इसके अलावा डीजल वेरिएंट्स की बढ़ती कीमतों की वजह से ग्राहकों द्वारा इस सेगमेंट में कम रुचि देखी जा रही है।
वहीं, अप्रैल 2020 में BS6 मानकों के लागू होने पर मारुति सुजुकी ने अपने सभी मॉडल रेंज में डीजल वेरिएंट को बंद कर दिया था।
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इलेक्ट्रिक और CNG मॉडल्स पर कर रही फोकस
मारुति सुजुकी साल 2023 तक देश में पांच नई यूटिलिटी व्हीकल्स को बाजार में उतारने की योजना बना रही है।
सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने हाल ही में अपनी इलेक्ट्रिफिकेशन स्ट्रैटजी को भी पेश किया है, जिसके तहत साल 2025 तक कंपनी हाइब्रिड्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लॉन्च करेगी।
साथ ही मारुति डीजल कारों के ईंधन विकल्प के रूप में CNG पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। इसके लिए कंपनी विटारा ब्रेजा जैसी कारों के CNG वेरिएंट पेश करेगी।
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ये कंपनियां भी बंद कर चुकी हैं डीजल मॉडल
टाटा, रेनो और टोयोटा जैसी बड़ी कंपनियां भी भारत में अपने डीजल वेरिएंट्स का निर्माण बंद कर चुकी है।
इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा लागू किए गए BS6 मानकों को ठहराया जा रहा है।
प्रभावित हुए कुछ मॉडल्स को इस साल के अंत तक और कुछ को अगले साल तक पूरी से बंद कर दिया जाएगा।
रेनो भारत में डीजल मॉडल में 4,000-5,000 मॉडल्स की ही बिक्री करती है, इसलिए इससे कंपनी को ज्यादा नुकसान नहीं होगा।
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हुंडई ने 2025 तक का रखा है मिशन
हुंडई मोटर्स इंडिया ने भी मारुति के नक्शे कदम पर चलते हुए नेक्स्ट जनरेशन डीजल मॉडल्स को भारतीय बाजार में नहीं लाने का फैसला किया है।
इसका मतलब है कि तीन से पांच साल के बाद डीजल कारें बाजार से पूरी गायब हो जाएंगी।
इसके साथ ही ब्रांड 2025 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कारों का एक सेट बनाकर ग्लोबल EV बाजार के 8-10 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा करने की योजना भी बना रही है।