सरकार दे रही इलेक्ट्रिक वाहनों पर पूरा जोर, खरीदी जाएंगी 50,000 इलेक्ट्रिक बसें
बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए राज्यों और केंद्र सरकार निजी के साथ-साथ सार्वजनिक वाहन क्षेत्र में भी इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के चलन पर जोर दे रही हैं। कई राज्य सरकारें अपने यहां पेट्रोल-डीजल और CNG की रोडवेज बसों के स्थान पर अब इलेक्ट्रिक बसों को तरजीह दे रही हैं। अब सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने को केंद्र सरकार की एजेंसी 'कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड' (CESL) ने 50,000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की योजना बनाई है।
कार्बन उत्सर्जन को कम करना भी है लक्ष्य
साल 2070 तक केंद्र सरकार का लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन जीरो करने का है। इसके लिए सबसे बड़ा परिवर्तन परिवहन क्षेत्र में लाना होगा। CESL इसके लिए जल्द ही लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से इलेक्ट्रिक बसें खरीदने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि केंद्रीय एजेंसी जल्द ही लगभग 50,000 बसों के लिए टेंडर निकालेगी। जानकारी के लिए बता दें कि CESL केंद्र सरकार की 'एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड' (EESL) की एक सहायक कंपनी है।
EVs के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने को CESL का गठन
CESL की स्थापना साल 2020 में की गई थी। इसे EESL के सोलर और इलेक्ट्रिक वाहन लीजिंग के कारोबार की देखरेख करने के लिए गठित किया गया था। देश में EV को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने और ग्रिड क्षमता में सुधार की आवश्यकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मौजूदा समय में सड़कों और सार्वजनिक वाहनों का विद्युतीकरण करने में कम से कम पांच से सात वर्षों का समय लगेगा।
13 लाख से ज्यादा है देश में कुल EVs की संख्या
केंद्र सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 14 जुलाई तक भारत में कुल 13.34 लाख इलेक्ट्रिक वाहन और 27 करोड़ गैर-इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग में थे। जिनमें से उत्तर प्रदेश में उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 3.37 लाख, दिल्ली में 1.56 लाख, कर्नाटक में 1.20 लाख, महाराष्ट्र में 1.16 लाख और ओडिशा में 23,371 है। देश में EVs को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की फेम इंडिया योजना का दूसरा चरण चल रहा है।
EVs को प्रोत्साहन के लिए योजनाएं
फेम-2 योजना 1 अप्रैल, 2019 से कुल 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता के साथ पांच वर्षों के लिए लागू की गई है। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST की दरें 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं। इनके साथ-साथ EVs के चार्जर/चार्जिंग स्टेशनों पर भी GST को 18 से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने राज्यों को EVs पर रोड टैक्स में छूट देने की सलाह भी दी गई है।