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    अग्निपथ योजना से जुड़ी गलतफहमियों को सरकार ने किया दूर, महत्वपूर्ण सवालों का जवाब दिया
    केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना से जुड़ी गलतफहमियों को दूर किया।

    अग्निपथ योजना से जुड़ी गलतफहमियों को सरकार ने किया दूर, महत्वपूर्ण सवालों का जवाब दिया

    लेखन भारत शर्मा
    Jun 16, 2022
    07:12 pm

    क्या है खबर?

    केंद्र सरकार की ओर से सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए लॉन्च की गई अग्निपथ योजना को लेकर फैली गलफहमियों के चलते देशभर में इसका विरोध हो रहा है।

    कई पूर्व सैन्य अधिकारियों के योजना पर सवाल उठाने के बाद युवा सड़कों पर उतर आए हैं और योजना के जरिए मूर्ख बनाने का आरोप लगा रहे हैं।

    इस बीच सरकार ने योजना से जुड़ी गलफहमियों को दूर करने के लिए अनौपचारिक रूप से 'झूठ बनाम सच्चाई' दस्तावेज जारी किया है।

    योजना

    क्या है अग्निपथ योजना?

    अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इसमें युवाओं को सेना के नियमित कैडर में सेवा करने का मौका दिया जाएगा।

    इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा।

    इसके बाद योग्यता, इच्छा और चिकित्सा फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा।

    विरोध

    योजना के विरोध में कई राज्यों में हो रहे हैं प्रदर्शन

    इस योजना के विरोध में बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

    बिहार के सहरसा में युवाओं ने ट्रेन रोककर विरोध जताया तथा कैमूर जिले के भभुआ रोड स्टेशन पर ट्रेनों में तोड़फोड़ की गई। इसके अलावा एक ट्रेन की बोगी को भी आग के हवाले कर दिया।

    इसी तरह हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं।

    सवाल

    क्या योजना में भर्ती होने वाले अग्निवीरों का भविष्य असुरक्षित होगा?

    सरकारी दस्तावेज के अनुसार, योजना में अग्निवीरों का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित होगा।

    चार साल बाद व्यापार करने के इच्छुक अग्निवीरों को व्यापार के लिए आर्थिक पैकेज और बैंक लोन योजना का लाभ दिया जाएगा तथा पढ़ाई करने वालों को 12वीं कक्षा का प्रमाणपत्र देकर आगे की पढ़ाई के लिए ब्रिज कोर्स की सुविधा दी जाएगी।

    इसी तरह नौकरी के इच्छुक युवाओं को राज्य पुलिस सहित केंद्रीय सुरक्षा बलों की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।

    जानकारी

    क्या योजना से सशस्त्र बलों में युवाओं के लिए अवसर कम होंगे?

    दस्तावेज में कहा गया है कि योजना से युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के अवसर कम होने की जगह बढ़ जाएंगे। आने वाले सालों में अग्निवीरों की भर्ती सशस्त्र बलों में वर्तमान में होने वाली भर्ती की तुलना में तीन गुना बढ़ जाएगी।

    प्रभावशीलता

    क्या योजना से सशस्त्र बलों की प्रभावशीलता में कमी आएगी?

    दस्तावेज के अनुसार, अधिकतर देशों में इस तरह की संक्षिप्त सेवाओं की व्यवस्था है यानी इसका पहले ही परीक्षण हो चुका है। इसे युवाओं और सेना की कुशलता के लिए सबसे अच्छी व्यवस्था माना जाता है।

    पहले साल में जितने अग्निवीरों की भर्ती होगी, वह सशस्त्र बलों का महज तीन प्रतिशत होगी।

    इसके अलावा, चार साल बाद सेना में दोबारा भर्ती से पहले अग्निवीरों के प्रदर्शन की जांच होगी। इससे सेना को सुपरवाइजर रैंक के लिए कुशल लोग मिल सकेंगे।

    भरोसा

    क्या 21 साल के युवा सेना के लिए भरोसमंद नहीं हैं?

    सरकारी दस्तावेज में कहा गया है कि दुनिया की अधिकतर सेना अपने युवाओं पर ही निर्भर करती है, लेकिन अनुभवियों की भी अपनी अहमीयत होती है। ऐसे में सेना में किसी भी समय अनुभवी लोगों की तुलना में युवाओं की संख्या अधिक नहीं होगी।

    वर्तमान समय में जो योजना है वह धीरे-धीरे एक लंबा वक्त लेकर अनुभवी सुपरवाइजर रैंक और युवाओं के महज 50-50 प्रतिशत के सही अनुपात को लाएगी। इससे सेना में भरोसा कायम रहेगा।

    जानकारी

    क्या योजना से रेजीमेंट भाईचारे में कमी आएगी?

    इस योजना से रेजीमेंट व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आएगा। इसके जरिए रेजीमेंट भाईचारे पहले की तुलना में और अधिक मजबूत होगा। योजना में सबसे उत्कृष्ट अग्निवीरों का चयन होगा और इससे रेजीमेंट के आंतरिक तालमेल को और अधिक मजबूती मिलेगी।

    खतरा

    क्या अग्निवीर आगे चलकर आतंकी बन जाएंगे?

    सरकार का मानना है कि इस तरह की सोच से भारतीय सशस्त्र बलों के चरित्र और मूल्यों का अपमान होता है। जो युवक चार साल के लिए सेना की वर्दी पहनेगा और देश सेवा के लिए समर्पित होगा, वह जीवन भर देश के प्रति समर्पित होगा।

    वर्तमान में भी हजारों लोग सशस्त्र बलों से अपने कौशल के साथ सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन आज तक उनके आतंकी समूहों या राष्ट्र विरोधी ताकतों से जुड़ने के उदाहरण नहीं मिले हैं।

    सलाह

    क्या योजना के लिए सशस्त्र बलों के पूर्व अधिकारियों से सलाह नहीं की?

    इस संबंध में सरकारी दस्तावेज में कहा गया है कि पिछले दो सालों से सेवारत सशस्त्र बल अधिकारियों के साथ योजना को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया गया है।

    इतना ही नहीं इस योजना का प्रस्ताव भी सैन्य अधिकारियों के विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने ही तैयार किया है। ये विभाग इसी सरकार की देन है।

    कई पूर्व अधिकारियों ने इस योजना के लाभ को समझा और इसका स्वागत किया है। बिना परामर्श के कोई कार्य नहीं किया जा सकता है।

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