क्या रूस पर लगे प्रतिबंधों के जवाब में पश्चिमी देशों की तेल आपूर्ति रोकेंगे पुतिन?
यूक्रेन पर हमले को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लगातार प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने रूस पर कठोर प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे रूसी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। कई देशों ने पुतिन को व्यक्तिगत तौर पर प्रतिबंधों के दायरे में शामिल किया है। इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि पुतिन इन पाबंदियां का जवाब कैसे देंगे? आइये उनके पास मौजूद सबसे बड़े विकल्प के बारे में जानते हैं।
प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल को हथियार बना सकते हैं पुतिन
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रतिबंधों का जवाब देने के लिए पुतिन न सिर्फ प्राकृतिक गैस को बल्कि कच्चे तेल को भी पश्चिम के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, दुनिया में पहले ही तेल की आपूर्ति मांग से कम है और ऐसे में अगर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश रूस अपनी आपूर्ति रोक देता है तो इससे तेल की कीमतों में भारी इजाफा होगा और इसका पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
...तो 150 डॉलर तक जा सकती है प्रति बैरल की कीमत
अमेरिकी कंपनी जेपी मॉर्गन ने चेताया है कि अगर रूस अपना निर्यात 50 प्रतिशत भी कम कर देता है तो कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 150 डॉलर को पार कर सकती है। यूक्रेन युद्ध के चलते यह फिलहाल आठ सालों के उच्चतम स्तर पर 110 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है। युद्ध शुरू होने के बाद से इसमें लगातार तेजी देखी जा रही है और आने वाले दिनों में इसमें गिरावट के आसार नजर नहीं आ रहे।
दुनियाभर पर पड़ेगा असर
कच्चे तेल की कीमत बढ़ने का सीधा मतलब है कि लोगों को पेट्रोल और डीजल के लिए अधिक भुगतान करना पड़ेगा। रूस अगर अमेरिका की आपूर्ति रोकता है तो वहां तेल के दाम बढ़ेंगे और इसका सीधा असर दुनिया के दूसरे देशों पर भी पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि रूस के पास यह एक वाइल्ड कार्ड है, जिसे वह इस्तेमाल कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो तेल की कीमतें ऊपर जाना तय है।
अभी कुछ भी तय नहीं
अभी इस बात के सबूत नहीं है कि रूस पश्चिमी देशों को तेल की आपूर्ति रोक देगा। पश्चिमी देशों ने भी इस बात का ध्यान रखा है कि ऊर्जा क्षेत्र को प्रतिबंधों में शामिल न किया जाए ताकि बाजार पर ज्यादा असर न पड़े।
रूस को है राजस्व की जरूरत
2011 से 2020 के बीच रूसी सरकार की कुल आमदनी में से लगभग 43 प्रतिशत हिस्सा तेल और प्राकृतिक गैस से आया था। ऐसे में अगर रूस तेल निर्यात पर रोक लगाता है तो यह उसकी अर्थव्यवस्था की सेहत के लिए हानिकारक होगा। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से पश्चिमी देशों के साथ रूस का तनाव चरम पर पहुंच गया है और कोई भी यह अंदाजा नहीं लगा सकता कि पुतिन कैसी प्रतिक्रिया देंगे।
आपूर्ति में थोड़ी कमी भी डाल सकती है असर
कई जानकारों का कहना है कि रूस को आपूर्ति बिल्कुल बंद करने की जरूरत नहीं है। अगर वह आपूर्ति में थोड़ी कमी भी कर देता है तो तेल के दाम तेजी से बढ़ेंगे। ऐसे में कम आपूर्ति के कारण हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी।
अमेरिका ने दी है चेतावनी
यूक्रेन पर हमला होने से पहले ही अमेरिका ने रूस को चेतावनी दी थी। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने कहा था कि अगर पुतिन अपनी ऊर्जा आपूर्ति को हथियार बनाने की कोशिश करेंगे तो यह उनकी बड़ी गलती होगी। रूस अपनी ऊर्जा आपूर्ति के ग्राहकों के लिए पश्चिम पर बेहद निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि रूस की तरफ से ऐसा कदम उठाने पर पश्चिमी और यूरोपीय देश उससे दूर हो जाएंगे।